कांग्रेस सरकार द्वारा कांग्रेसियों पर प्रकरण वापस लेने के ऐलान के बाद नागदा के नेता भी कतार में
उज्जैन•Jan 20, 2019 / 01:26 am•
Gopal Bajpai
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नागदा. भाजपा सरकार के दौरान 15 सालों में कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक द्वेषता के चलते दर्ज मामलों को वापस लेने के कमलनाथ सरकार ने एलान किया है। इसके बाद कांग्रेस जिला कार्यकारी अध्यक्ष व नपा सदन में कांग्रेस के पार्षद दल नेता सुबोध स्वामी सहित कांग्रेस के 10 पार्षद प्रकरण वापसी की दौड़ में शामिल हैं। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य बसंत मालपानी पर भी मारपीट के दो मामले दर्ज होने के साथ ही कुछ और लोगों पर दर्ज मामलों में भी सरकार राहत दे सकती है।
महिदपुर रोड उत्कृष्ट सड़क को लेकर कांग्रेस पार्षदों ने चक्काजाम किया था। इसमें भाजपा कार्यकर्ताओं की शिकायत पर कांग्रेस पार्षद दल नेता सुबोध स्वामी व कांग्रेस के सात पार्षदों के खिलाफ मंडी थाने में मामला दर्ज किया गया था। स्वामी के अनुसार कमलेश चावंड, जगदीश मिमरोट, योगेश मीणा, पार्षद मंजू ररोतिया के पति दिनेश ररोतिया, पार्षद गीतादेवी यादव के पति महेंद्र यादव, जयप्रकाश मल्लाह पर प्रकरण दर्ज हुआ था। इसी तरह पार्षद संदीप चौधरी पर छात्रसंघ चुनाव के दौरान हुए विवाद का मामला भी दर्ज है। पार्षद गीतादेवी यादव के पति के महेंद्र यादव पर टैंकर रोकने को लेकर हुए विवाद के प्रकरण दर्ज है। दो दिन पहले कमलनाथ सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे। इस फैसले के बाद इन सभी नेताओं को उम्मीद बंधी है कि उनके खिलाफ दर्ज मामले सरकार अब वापस ले लेगी। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि सरकार किस-किस तरह के मामले वापस लेने की तैयारी में है। मंत्रियों ने हत्या व प्राणघातक हमलों के केस भी वापस लेने की बात रखी थी।
सरकार का अच्छा निर्णय, हम भी आवेदन देंगे : स्वामी ने बताया सरकार का सराहनीय कदम हैं। 15 सालों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कमजोर करने के लिए कई झूठे मुकदमे लाद दिए गए थे जिनसे अब निजात मिलने का समय आया है। हम भी इसके लिए आवेदन करेंगे और दर्ज मामलों को खत्म करने की मांग करेंगे।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्षद दल नेता स्वामी पर दर्ज हुआ था अजा एक्ट में प्रकरण
नरेंद्र मोदी खेल प्रशाल में होने वाले गरबों को हाईकोर्ट में चुनौती देने का काम कांग्रेस पार्षद दल नेता सुबोध स्वामी ने किया था। हालंाकि मामला उनके खिलाफ आया था और न्यायालय ने उन पर जुर्माना किया था। इस तरह की अन्य शिकायतें जो की राज्य शासन को की गई थी उन्हें आधार बनाकर नपाध्यक्ष अशोक मालवीय ने स्वामी के खिलाफ मंडी थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। इस शिकायत में नपाध्यक्ष ने कहा था वे अनुसूचित जाति वर्ग से हैं इसलिए उन्हें प्रताडि़त करने के लिए इस तरह के झूठे मामलों में शिकायत की जा रही है। नपाध्यक्ष की शिकायत के बाद मंडी थाने में स्वामी के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। स्वामी इस मामले में फिलहाल जमानत पर हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य मालपानी पर हैं दो मामले
इधर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य बसंत मालपानी पर भी इस तरह के दो मामले हैं जिन्हेें वे राजनीति से प्रेरित बताते हैं। ये दोनों ही मामले मारपीट की धाराओं के हैं। इनमें से एक मामला तो हाल ही में कुछ माह पहले ही दर्ज हुआ है। मालपानी इन दोनों मामलों को खत्म करने के लिए आवेदन करेंगे।
अभी किसी तरह के कोई निर्देश नहीं मिले हैं, यदि किसी तरह के मामलों की जानकारी मांगी जाएगी तो उसकी स्क्रूटनी करवाकर जानकारी दी जाएगी।
मनोज रत्नाकर, सीएसपी, नागदा
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