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यह कॉलेज हो रहा नए भवन में शिफ्ट, छात्रों ने मांगी इच्छा मृत्यु

locationउज्जैनPublished: Sep 08, 2018 11:36:46 am

Submitted by:

Gopal Bajpai

छात्राओं की सुरक्षा को लेकर जनप्रतिनिधियों की मांग पर तैयार हुआ प्रस्ताव उच्च स्तर पर कॉलेज बदलने को लेकर तैयारी भी शुरू

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Madhav College

उज्जैन. पिपलीनाका क्षेत्र में १० करोड़ रुपए की लागत से बन रहे नए कालिदास कॉलेज भवन में अब माधव कॉलेज शिफ्ट हो सकता है। कालिदास कॉलेज की 1500 से ज्यादा छात्राओं की सुरक्षा की चिंता को लेकर यह बदलाव किया जा रहा है। पिछले दिनों इस संबंध में जनप्रतिनधियों ने शासन स्तर पर मांग रखी थी जिस पर अब अमल की तैयारी की जा रही है। अगर इस पर फैसला होता है तक १२५ वर्ष पुराना माधव कॉलेज की कक्षाएं नए कालिदास कॉलेज में लग सकती है।

माधव कॉलेज में कालिदास कॉलेज को शिफ्ट करने का यह प्रस्ताव पिछले दिनों कालिदास कॉलेज की जनभागीदारी समिति की बैठक में सामने आया था। बैठक में नए कॉलेज के शहर से बाहर, यातायात में दिक्कत और छात्राओं की सुरक्षा को लेकर मुद्दा उठा था। कहा गया था कि इतनी दूर एकांत में कॉलेज होने से छात्राओं की सुरक्षा बड़ी चुनौती बनेगी। बैठक में यह बिंदु भी आया था कि कालिदास कॉलेज को शहर के बीच स्थित माधव कॉलेज में शिफ्ट कर दिया जाए। वहीं माधव कॉलेज को नया कालिदास कॉलेज में भेज दिया जाए।

सूत्रों के मुताबिक जनप्रतिनिधियों ने इस संबंध में एक पत्र उच्च शिक्षा विभाग को भेजा है। इसमें छात्राओं की समस्या उठाते हुए दोनों कॉलेजों के पीछे चेंसलिंग (अदला-बदली)करने की बात कही है। बताया जा रहा है कि इस पत्र के बार उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज शिफ्टिंग को लेकर कागजी तैयारी भी शुरू कर दी है।

10 साल से बन रहा है कालिदास कॉलेज
पिपलीनाका पर कालिदास कॉलेज का नया भवन करीब १० वर्ष से बन रहा है। उच्च शिक्षा विभाग ने वर्ष २००८ में निर्माण की स्वीकृति देते हुए १० करोड़ का बजट स्वीकृत किया था। बीते सालों में सिंहस्थ क्षेत्र में निर्माण विवाद व धीमे निर्माण कार्य के चलते भवन अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है। संभावना है कि १५ सितंबर तक कार्य पूरा हो जाएगा।

एक छात्र संगठन भी बदलाव के पक्ष में
नए कालिदास कॉलेज भवन में माधव कॉलेज के शिफ्ट होने में एक छात्र संगठन भी पक्ष में है। संगठन के पदाधिकारियों ने भी छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए इस बदलाव पर सहमति दी है। हालांकि छात्र संगठन के अचानक इस बदलाव व छात्राओं की सुरक्षा की १० वर्ष बाद याद आने पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। वहीं इस मुद्दे को माधव कॉलेज में एक पार्टी विशेष की छात्र राजनीति के गढ़ को खत्म करने के रूप में भी देखा जा रहा है।

कांग्रेस ने ली आपत्ति
शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी के अनुसार यदि माधव कॉलेज को अन्य जगह शिफ्ट किया गया तो कांग्रेस इसके खिलाफ आंदोलन करेगी। उन्होंने इसके पीछे भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता के अनुसार उक्त मामले में जल्द कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा।

इसलिए कर रहे कालिदास कॉलेज शिफ्ट
नया कालिदास कॉलेज भवन शहर से दूर होकर एकांत में है।
शहर के एक कोने में कॉलेज होने से छात्राओं के यहां तक पहुंचने में यातायात की दिक्कत होगी।
कॉलेज के दूर होने से छात्राएं व परिजन प्रवेश लेने में संकोच करेंगे।
शहर के बीच में ही यदि कॉलेज भवन मिलता है तो इससे छात्राओं की सुरक्षा रहेगी। छात्राओं के प्रवेश में संख्या मेंं इजाफा होगा।


अभी यह स्थिति है दोनों कॉलेज में
माधव कॉलेज
125 वर्ष पुराना भवन है। भवन कई जगह से जीर्णशीर्ण हो चुका है।
यहां 11 पीजी व 2 स्नातक कोर्स की करीब ५५ कक्षाएं लग रही हैं।
माधव कॉलेज में लॉ कॉलेज अगल से लगता है।
दो शिफ्ट में लगने वाले कॉलेज में करीब 6 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत है।


नया कालिदास कॉलेज
नया कॉलिदास कॉलेज जी प्लस टू भवन होकर यहां 24 चेंबर और 50 के करीब कक्षाएं हैं।
कालिदास कॉलेज स्नातक स्तर की 12 कक्षाएं हैं और पीजी की एक कक्षा है।
जगह की कमी के चलते एक शिफ्ट में लग रहे कॉलेज में 1500 छात्राएं अध्ययनरत है।

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