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उज्जैन में यह मेला लगता था देवउठनी ग्यारस पर लेकिन अब लगेगा इस दिन

locationउज्जैनPublished: Nov 19, 2018 12:25:27 am

Submitted by:

Lalit Saxena

आचार संहिता के कारण टला हस्तशिल्प मेला, देवउठनी एकादशी पर कालिदास समारोह के साथ शुरू होता है मेला

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आचार संहिता के कारण टला हस्तशिल्प मेला,
देवउठनी एकादशी पर कालिदास समारोह के साथ शुरू होता है मेला

उज्जैन. कालिदास समारोह के साथ देवउठनी एकादशी से शुरू होने वाले जिला पंचायत के हस्तशिल्प मेले का आंनद इस वर्ष शहरवासी नहीं उठा पाएंगे। आचार संहिता के चलते हस्तशिल्प मेेले का आयोजन स्थगित हो गया है। संभवत: अब हस्तशिल्प मेला फरवरी माह में बसंत पंचमी को लगेगा।
जिला पंचायत की ओर से कालिदास समारोह के साथ १० दिवसीय हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया जाता है।
पिछले सालों में शहरवासियों के लिए मेला आकर्षण का केंद्र बन गया है । यहां हस्तशिल्प से जुड़ी सामग्री के साथ खान-पान व झूले सहित अन्य सामग्री के चलते बड़ी संख्या में शहरवासी पहुंचते हैं। इस बार इस बार विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते हस्तशिल्प मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा है। दरअसल कालिदास समारोह के साथ ही हस्तशिल्प मेला शुरू होता है। चूंकि कालिदास समारोह स्थगित हो गया है ऐसे में मेले की इस बार प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो पाई।
जिला पंचायत पीआरओ प्रवीण त्रिवेदी बता रहे हैं कि आचार संहिता व अधिकारियों के चुनाव कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण कालिदास समारोह के साथ ही मेला भी स्थगित हो गया है। संभवत: अब इसे बसंत पंचमी पर आयोजन किया जाएगा।
पहले भी स्थगित हुआ मेला
चुनाव के चलते हस्तशिल्प मेला पहले भी स्थगित हो चुका है। वर्ष २०१३ के चुनाव के दौरान कालिदास समारोह स्थगित हुआ था और समारोह बसंत पंचमी को हुआ था। उसी दौरान मेला भी लगा था।
आज वीर की स्मृति में यज्ञ,११०० दीपों से आरती

उज्जैन. महाकाल प्रांगण पुजारी, पुरोहित परिवार की ओर से सोमवार को जूना महकाल परिसर में हिन्दू वीर सपूतों की स्मृति में यज्ञ और ११०० दीपों से आरती की जाएगी। महाकाल प्रांगण पुजारी, पुरोहित परिवार के भरत जोशी गुरु ने बताया कि प्रतिवर्ष देव प्रबोधनी एकादशी पर हिन्दू वीर सपूतों की स्मृति यज्ञ और आरती का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में सोमवार को सुबह जूना महाकाल परिसर में पुरूसुक्त यज्ञ और श्रीसुक्त यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ शाम को आरती के बाद ११०० से दीपक जूना महाकाल परिसर में लगाए जाएंगे।
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