वर्ष 2004 में करीब एक करोड़ रुपए की लागत से क्षीरसागर के नजदीक नई दौलतगंज सब्जी मंडी का निर्माण किया गया था। योजना थी कि दौलतगंज मार्ग पर लगने वाली पुरानी सब्जी मंडी को यहां विस्थापित किया जाएगा लेकिन कई प्रयास के बावजूद 15 वर्ष में भी एेसा नहीं हो पाया है। इतने लंबे समय में जहां मंडी का निर्माण खराब हो गया है वहीं जगह भी विरान और बदत्तर स्थिति में है। मंडी का क्या उपयोग हो सकता है, इसके विकल्प तलाशने के लिए कुछ महीने पूर्व नगर निगम की लोकनिर्माण समिति को जिम्मा दिया गया था और रिपोर्ट सौंपने का कहा था। समिति अब तक इसको लेकर किसी निश्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। पुराने निर्माण का ही उपयोग किया जाए या इसे डिस्मेंटल कर जमीन को उपयोग में लाया जाए, इस पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
सदन में प्रस्तुत करेंगे योजना
समिति प्रभारी सत्यनारायण चौहान ने बताया मंडी की करीब एक बीघा जमीन है जिसका उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए कंसलटेंट को योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही लोकनिर्माण समिति की बैठक भी की जाएगी। जिसमें मंडी के भविष्य को लेकर निर्णय लिया जाएगा। चौहान के अनुसार, प्रयास रहेगा कि उक्त स्थान के बेहतर उपयोग के लए दो-तीन विकल्प तैयार किए जाएं, जिन्हें निकट भविष्य में सदन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद सदन के निर्णयानुसार आगे की कार्रवाई होगी।
प्रयासों को नहीं मिली सफलता
– तीन-चार बार सब्जी विक्रेताओं के साथ नगर निगम ने बैठकें की लेकिन वे शिफ्ट होने को तैयार नहीं हुए।
– सब्जी मंडी के अलावा, उक्त निर्माण का अन्य उपयोग हो, इसके टेंडर जारी किए गए लेकिन किसी ने रूचि नहीं दिखाई।
इसलिए प्रोजेक्ट फेल
मंडी में पानी जमा होने की समस्या है। सब्जी विक्रेताओं के लिए दुकान बना दी गई। सब्जी व्यवसाय के लिए इसे असुविधायुक्त बताते हुए सब्जी विक्रेताओं ने शिफ्ट होने से मना कर दिया। वर्तमान में इसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है और क्षेत्र गंदगी से पटा रहता है।