शिवरात्रि के बाद उज्जैन में शिव विवाह का रिसेप्शन आयोजित हुआ। इससे पहले पूरे नगर में शिव बरात निकाली गई, जिसमें भूत-प्रेतों की टोली ने नृत्य किया। यह विवाह अनूठा था। मंडप में शिव-पार्वती के फेरे हुए। पंडितों ने मंगलाष्टक व लग्न के मंत्र पढ़े।
शिवरात्रि के बाद उज्जैन में शिव विवाह का रिसेप्शन आयोजित हुआ। इससे पहले पूरे नगर में शिव बरात निकाली गई, जिसमें भूत-प्रेतों की टोली ने नृत्य किया। यह विवाह अनूठा था। मंडप में शिव-पार्वती के फेरे हुए। पंडितों ने मंगलाष्टक व लग्न के मंत्र पढ़े।
शिवरात्रि के बाद उज्जैन में शिव विवाह का रिसेप्शन आयोजित हुआ। इससे पहले पूरे नगर में शिव बरात निकाली गई, जिसमें भूत-प्रेतों की टोली ने नृत्य किया। यह विवाह अनूठा था। मंडप में शिव-पार्वती के फेरे हुए। पंडितों ने मंगलाष्टक व लग्न के मंत्र पढ़े।
शिवरात्रि के बाद उज्जैन में शिव विवाह का रिसेप्शन आयोजित हुआ। इससे पहले पूरे नगर में शिव बरात निकाली गई, जिसमें भूत-प्रेतों की टोली ने नृत्य किया। यह विवाह अनूठा था। मंडप में शिव-पार्वती के फेरे हुए। पंडितों ने मंगलाष्टक व लग्न के मंत्र पढ़े।
शिवरात्रि के बाद उज्जैन में शिव विवाह का रिसेप्शन आयोजित हुआ। इससे पहले पूरे नगर में शिव बरात निकाली गई, जिसमें भूत-प्रेतों की टोली ने नृत्य किया। यह विवाह अनूठा था। मंडप में शिव-पार्वती के फेरे हुए। पंडितों ने मंगलाष्टक व लग्न के मंत्र पढ़े।