यूडीए के अनुसार सभामंडप के रूप में महाकाल मंदिर में कंपोजिट श्रेणी स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। इसमें लोहे और कांक्रीट का उपयोग किया जाएगा। एजेंसी द्वारा लोहे के पिलर खड़े कर उस पर टीन लगाए जा रहे हैं इन्हें गैस वेल्डिंग से जोड़ा जा रहा है। गैस वेल्डिंग में निर्माण एजेंसी द्वारा एलपीजी के घरेलू सिलेंडर का उपयोग किया जा रहा है। नियमानुसार एेसे कार्य में तो व्यावसायिक सिलेंडर का उपयोग होना चाहिए। मंदिर सूत्रों के अनुसार गत दिनों रेल मंत्री और मुख्यमंत्री के अलावा अन्य वीआइपी आगमन के दौरान घरेलू सिलेंडर को कार्य स्थल से हटा लिया गया था।
समय पर कार्य में संशय
सभामंडप निर्माण कार्य की गति को देखते हुए इसके समय पर पूर्ण होने हो लेकर संशय है। सभामंडप का निर्माण २.१८ करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। दिसंबर २०१७ में कार्य की शुरुआत कर इसे १ वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। एजेंसी ने लोहे के पिलर खड़े कर टीन डाल दिए हैं। 28 जुलाई से श्रावण शुरू होगा। निर्माण कार्य की धीमी गति के चलते श्रावण के पहले इसका आधा काम भी पूरा नहीं होगा। एेसे में श्रावण में श्रद्धालुओं के प्रवेश को लेकर मंदिर प्रबंध समिति को नई योजना पर विचार करना पड़ सकता है। हालांकि यूडीए के अधिकारियों का कहना है कि श्रावण के पहले पहली मंजिल पर छत डालने जितना काम हो जाएगा। श्रावण में श्रद्धालुओं के लिए यह मार्ग चालू हो सकता है।