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सरकार के इस आदेश किसानों में मच गई खलबली

locationउज्जैनPublished: Oct 21, 2019 08:33:49 pm

Submitted by:

Mukesh Malavat

मुआवजे के लिए शपथ पत्र बनाने मची होड़, जानकारी के अभाव में भटके किसान

This order of the government created panic among the farmers

मुआवजे के लिए शपथ पत्र बनाने मची होड़, जानकारी के अभाव में भटके किसान

आगर-मालवा. सोमवार को तहसील कार्यालय में किसानों की खासी भीड़ देखी गई। स्थिति यह थी कि तहसील कार्यालय में वाहन जाना तो दूर पैदल पहुंचने के लिए भी मशक्कत करना पड़ी। स्टॉम्प वेंडर एवं शपथ पत्र तैयार करने वाले अभिभाषकों की टेबलों पर दिनभर किसानों का जमावड़ा लगा रहा। इस तरह की स्थिति जानकारी के अभाव में निर्मित हुई। पहले किसानों को बताया गया कि संयुक्त खाताधारक किसानों को अनिवार्य रूप से शपथ पत्र देना होगा तभी मुआवजा मिल पाएगा लेकिन बाद में इस आदेश में शिथिलता आ गई लेकिन यह जानकारी किसानों को नही मिली और सैंकड़ों किसान सोमवार को बेवजह कतार में लगकर शपथ पत्र तैयार करवाते रहे जबकि अधिकारियों का कहना है कि किसान पटवारी के समक्ष सादे आवेदन पर स्व घोषणा कर सहमति दे देंगे तो उनके खाते में मुआवजा राशि पहुंच जाएगी शपथ पत्र की कोई आवश्यकता नहीं है।
अतिवर्षा से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा वितरण होना आरंभ हो चुका है और राजस्व विभाग द्वारा किसानों के खातों की सूची बनाकर बैंकों को भेजी जा रही है और हर किसान अपना मुआवजा जल्दी हासिल करने के लिए पटवारी के आस-पास चक्कर लगाते हुए देखा जा रहा है। जब मुआवजा आकलन प्रक्रिया चल रही थी उस दौरान किसानों को बताया गया था कि जिन किसानों के संयुक्त खाते हैं, उन्हे बकायदा नोटरी करवाकर शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा लेकिन बाद में इस आदेश में शिथिलता आ गईऔर नोटरी के स्थान पर सादे कागज पर भी सहमति पत्र लेना चालू कर दिया गया। संयुक्त खाताधारक किसानों के लिए बकायदा प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पटवारियों को भी निर्देशित कर दिया गया पर किसानों तक यह जानकारी नही पहुंच पाई जिसकी वजह से किसान शपथ पत्र करवाने के लिए तहसील कार्यालय में उमड़ पड़े। भीड़ अधिक होने से किसानों को शपथ पत्र करवाने के लिए भी कतार में लगना पड़ा।
300 से 400 रुपए में तैयार हुए शपथ पत्र
अमूमन शपथ पत्र तैयार करवाने पर करीब 200 रुपए का खर्च आ जाता है लेकिन तहसील कार्यालय में भीड़-भाड़ के चलते सोमवार को 300 से 400 रुपए तक का खर्च भी किसानों का शपथ पत्र तैयार करवाने में हो गया। शपथ पत्र के साथ-साथ किसानों ने सहमति पत्र भी तैयार करवा लिए।
जानकारी के अभाव में किसान हुए गुमराह
जब इस संबंध में कुछ किसानों से चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि हमारे पटवारी ने बोला है कि संयुक्त खाताधारक किसान के लिए शपथ पत्र के साथ सहमति पत्र अनिवार्य है इसलिए हम लोग शपथ पत्र तैयार करवा रहे हैं, जबकि अधिकारियों का कहना है कि शपथ पत्र की कोई आवश्यकता नही है। सादे कागज पर किसान स्वघोषणा कर सहमति पत्र दे सकता है वह भी मान्य है। वहीं इस कार्य में जुटे पटवारियों की स्थिति ऐसी है कि उनके पास किसी को जानकारी देने का भी समय नही है। सभी पटवारी सूची बनाने में जुटे हुए हैं। पिछले दिनों हालात यह रहे कि पटवारियों ने छुट्टी के दिन में भी मुआवजा प्रक्रिया के कार्य किए।
इनका कहना
मुआवजा वितरण प्रक्रिया मे संयुक्त खाताधारक किसानों के लिए शपथ पत्र अनिवार्य नही है। वह सादे कागज पर भी स्व घोषणा कर सहमति पत्र दे सकता है। कहीं न कहीं जानकारी के अभाव में किसानों द्वारा शपथ पत्र तैयार करवाए जा रहे हैं। हमारे द्वारा सभी पटवारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि वे सादे कागज पर किसानों द्वारा दी गई सहमति के आधार पर मुआवजा वितरण कार्रवाई करें।
-महेन्द्र सिंह कवचे, एसडीएम आगर

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