प्राचीन मान्यता के अनुसार उज्जैन में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह के बाद रिसेप्शन दिया जाता रहा है। शादी की सारी रस्मों को पूरा करने के बाद उज्जैन नगर वासियों को बाबा महाकाल से रिसेप्शन में आने का न्यौता भेजा जाता है। मंगलवार को बाबा महाकाल का रिसेप्शन हो रहा है। देश में भगवान शिव के रिसेप्शन का आयोजन इकलौता आयोजन है जो उज्जैन में होता है। जो शिवरात्रि के बाद आयोजित किया जाता है।
शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल की शादी हुई थी। उज्जैन की प्रचीन परंपरा के अनुसार बाबा महाकाल की शादी के बाद नगरवासियों भोज दिया जाता है जिसमें अनेक प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं। रिसेप्शन के आयोजन के लिए महाकाल शयन समिति द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
इस बार भी बाबा महाकाल के रिसेप्शन के लिए अनेक तरह के व्यंजन बनाए गए हैं, जिनमें नुक्ती, खोपरा पाक, चक्की, भजिए, सेव, रायता और पूरी सहित कई तरह की मिठाई, नमकीन जैसे ललीज व्यंजन बनाए गए हैं।
रिसेप्शन में आने के लिए खास तरह की पत्रिका भी छपवाई गई है। उज्जैन में पीले चावल और पत्रिका घर-घर में बांटी गई है। उज्जैयनी की परंपरा के अनुसार विवाह की सभी रस्में जिनमें श्रीगणेश पूजन, महिला संगीत, शिव बारात का आयोजन किया गया है। उज्जैन में शिव बारात में भगवान महादेव नंदी पर सवार होकर निकलेंगे और उनकी बारात में भूत-प्रेतों की टोलियां भी शामिल होंगी। बाबा महाकाल की बारात उज्जैन के प्रमुख मार्गों से होते हुए नृसिंहघाट स्थित गंगा गार्डन में पहुंचेगी। यहीं रिसेप्शन दिया जा रहा है।