scriptउज्जैन के इस मंदिर में नक्काशी पर पता चलेगी संस्कृति | This temple of Ujjain will be known on carving culture | Patrika News

उज्जैन के इस मंदिर में नक्काशी पर पता चलेगी संस्कृति

locationउज्जैनPublished: Sep 17, 2018 01:08:05 am

Submitted by:

Lalit Saxena

महाकाल मंदिर : 1.88 करोड़ रुपए से पुनर्निर्मित किया सभामंडपसभामंडप में सागवान की लकड़ी पर नजर आएगी परंपरा
 

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महाकाल मंदिर : 1.88 करोड़ रुपए से पुनर्निर्मित किया सभामंडप
सभामंडप में सागवान की लकड़ी पर नजर आएगी परंपरा

उज्जैन. महाकाल मंदिर परिसर स्थित पुनर्निर्मित सभा मंडप के आंतरिक हिस्से में सागवान की लकड़ी के पाटों पर प्राचीन संस्कृति और परंपरा को उकेरा जाएगा। इसके लिए नक्काशकारों से कार्य के प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं। नक्काशीदारी में करीब 35 घनमीटर सागवान की लकड़ी का उपयोग होगा।
महाकाल मंदिर में कोटितीर्थ के पास पुराने सभामंडप को तोड़कर 1 करोड़ 88 लाख रुपए की लागत से पुनर्निर्मित किया गया है। सभामंडप के आंतरिक हिस्से को नक्काशीदार लकड़ी से संवारा जाएगा। इसमें सागवान की लकड़ी के पाट पर राजमहल और प्राचीन मंदिरों के आंतरिक हिस्सों की तरह संवारे जाने की योजना है। इसमें प्राचीन, धार्मिक संस्कृति और परंपरा की झलक नजर आएगी। इस माह के अंत तक कार्य शुरू होने की उम्मीद है। सभामंडप में अंदर के हिस्से की साज-सज्जा नक्काशीदार लकड़ी से होगी। इसके बाद भीतर का पूरा भाग लकड़ी से निर्मित नजर आएगा। इसके लिए वुडन क्लोडिंग और सिलिंग का कार्य होगा। पिलरों के आस-पास भी आकर्षक लकड़ी की क्लोडिंग की जाएगी। पूरे सभामंडप को लकडि़यों से कवर किया जाएगा। नक्काशीदार के लिए यूडीए द्वारा वुडन क्लोडिंग और सिलिंग का कार्य करने वालों के प्रस्ताव आमंत्रित किए जा रहे हैं।
सागवान के लिए कई विकल्प पर विचार
सभामंडप में वुडन क्लोडिंग और सिलिंग कार्य में करीब ३५ घनमीटर लकड़ी की आवश्यकता होगी। सागवान लकड़ी के लिए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति, यूडीए कई विकल्प पर विचार कर रहा है। इसमें एक विकल्प यह कि वुडन क्लोडिंग और सिलिंग की निविदा में ठेका लेने वाले को लकड़ी उपलब्ध कराने की शर्त रखी जाए। दूसरा विकल्प महाकाल मंदिर प्रबंध समिति भगवान महाकाल के किसी एेसे दानदाता भक्त को तैयार करें, जो दान में सागवान की लकड़ी मंदिर को भेंट कर दें। तीसरा विकल्प महाकाल मंदिर प्रबंध समिति वन विभाग से तालमेल कर विभाग के डिपो से नीलाम होने वाली सागवान की लकड़ी क्रय करें।
वुडन वर्क के लिए
५१ लाख रु.दान
सभामंडप में वुडन वर्क के लिए मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु की प्रेरणा से बाबा महाकाल के एक भक्त भगवानसिंह आंजना ने ५१ लाख रु. की राशि भेंट की हैं। महाकालेश्वर मंदिर में कोटितीर्थ के पास सभामंडप का कार्य पूर्ण हो गया है। श्रद्धालुओं को नंदीहॉल बैरिकेड्स में प्रवेश देने के इसका उपयोग किया जा रहा है। यह कार्य वर्षाकाल के बाद होगा। पहली मंजिल बनकर तैयार नवनिर्माण के बाद सभामंडप की पहली मंजिल लगभग बनकर तैयार हो चुकी है। सभामंडप के पुराने भवन को तोडऩे के बाद पहले इसका मजबूत बेस तैयार किया। इसके सभामंडप में लोहे के कुल 27 पिलर लगाकर स्ट्रक्चर भी लोहे से कर इसमें लोहे का जाल बनाकर ऊपर सीमेंट-कांक्रीट किया गया है।
यज्ञशाला में स्टील रेलिंग
महाकाल मंदिर परिसर स्थित जूना महाकाल के सामने में 36.20 लाख रु. की लागत से नवनिर्मित यज्ञशाला के आसपास स्टील की नई रेलिंग लगाई गई है। पुजारी प्रदीप गुरु की प्रेरणा से अहमदाबाद के सुरेंद्र शर्मा ने रैलिंग लगवाई है। कारीगर भी गुजरात से आए थे। इस पर करीब 5 लाख रु. खर्च किए जा रहे हैं।

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