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इस बार बन रहा भगवान चिंतामण गणेश की जत्रा पर विशेष संयोग

locationउज्जैनPublished: Mar 10, 2020 01:53:21 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

Ujjain News: 44 वर्ष बाद जत्रा के साथ विशेष पर्व का संयोग, 11 मार्च को भाईदूज और प्रथम जत्रा के साथ सर्वार्थसिद्धि योग

This time a special coincidence on Jatra of Lord Chintaman Ganesh

Ujjain News: 44 वर्ष बाद जत्रा के साथ विशेष पर्व का संयोग, 11 मार्च को भाईदूज और प्रथम जत्रा के साथ सर्वार्थसिद्धि योग

उज्जैन. चिंतामण गणेश मंदिर में चैत्र की जत्रा इस बार पांच मर्तबा मनाई जाएगी। हर बुधवार ग्रामीण और शहर के श्रद्धालु भगवान चिंतामण गणेश के दरबार में दर्शन करने पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि इस बार लगभग 44 वर्ष के बाद चिंतामण जत्रा के साथ अन्य पर्वों का भी संयोग बन रहा है।

1976 में बना था पर्व और जत्रा का दुर्लभ संयोग
ज्योतिषों के अनुसार पंचांगीय गणना तथा नक्षत्र मेखला की दृष्टि से सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ हर जत्रा पर आने वाले महापर्व वाली स्थिति 1976 में बनी थी। उस समय भी चैत्र मास में पांच बुधवार पर यही पांच महापर्व का संयोग बना था। पुजारी गणेश गुरु के अनुसार इस बार चैत्र मास में भगवान श्री चिंतामण गणेश की पांच जत्रा लगेंगी। प्रत्येक जत्रा पर श्रद्धालुओं का सैलाब मंदिर में उमड़ेगा। प्रत्येक जत्रा के साथ महापर्व भी रहेगा। वहीं पहली तथा आखिरी जत्रा पर सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग भी बन रहा है। इस संयोग में भगवान श्रीचिंतामण गणेश का पूजन करना विशेष फलदायी माना जा रहा है।

हर जत्रा के साथ आ रहा महापर्व
हर जत्रा के साथ महापर्व आ रहा है। पहली जत्रा 11 मार्च को रहेगी। इस दिन भाईदूज का पर्व रहेगा। भगवान गणेश की आराधना से भाई-बहन को दीर्घायु जीवन व सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होगा। दूसरी जत्रा 18 मार्च होगी। इस दिन दशामाता का पूजन महिलाओं द्वारा किया जाएगा। २५ मार्च को तीसरी जत्रा रहेगी, इस दिन चैत्र नवरात्रि का आरंभ होगा, गुड़ीपड़वां का पर्व मनाया जाएगा। चौथी जत्रा १ अपै्रल को मनाई जाएगी, इस दिन चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी भी रहेगी। अंतिम पांचवी शाही जत्रा 8 अपै्रल को रहेगी, इस दिन हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा। शहर के विभिन्न हनुमान मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान व भंडारे का आयोजन होगा।

पंचामृत अभिषेक व चोला शृंगार
पुजारी गणेश गुरु के अनुसार प्रत्येक जत्रा पर सुबह 4 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। इसके बाद भगवान का पंचामृत अभिषेक-पूजन कर चोला शृंगार किया जाएगा। वहीं सुबह 8 बजे पूर्ण स्वरूप शृंगार के साथ दर्शनों का सिलसिला चलेगा और रात 11 बजे शयन आरती होगी। दर्शन व्यवस्था बाहर से ही रहेगी।

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