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सुबह महाष्टमी पर देवी पूजन, दिन में रामनवमी पर्व….

locationउज्जैनPublished: Mar 12, 2018 06:54:46 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

तिथि क्षय से इस बार भी नवरात्रि आठ दिन की, चैत्र नवरात्रि 18 से 25 मार्च तक, अष्टमी-नवमी साथ में

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उज्जैन. तिथि के क्षय होने के कारण नवरात्रि आठ दिन की होगी। यह लगातार चौथा वर्ष जब आठ दिन चैत्र नवरात्रि आठ दिन की मनाई जाएगी। चैत्र नवरात्रि 18 से 25 मार्च तक रहेगी। २५ को सुबह महाष्टमी पर देवी का पूजन होगा और फिर दिन में नवमी के पूजन के साथ रामनवमी पर्व, भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चैत्र नवरात्रि 18 मार्च को शुरू होकर 25 मार्च को समाप्त होगी। नवमी तिथि का क्षय होने के कारण इस बार फिर से नवरात्रि का एक दिन घटने से यह आठ दिन की होगी। तिथि की घटत-बढ़त के कारण वर्ष 2015, 2016, 2017 में चैत्र नवरात्रि आठ दिन की थी। तिथि घटने की वजह से २०१८ में भी नवरात्रि यह आठ दिन की आई है। 18 मार्च को उत्तरा भाद्र पद नक्षत्र में नवरात्रि आरंभ होगी। 19 को द्वितीया, 20 को तृतीया, 21 को चतुर्थी, 22 को पंचमी, 23 को छठ, 24 को सप्तमी, 25 मार्च को सुबह 8.3० बजे तक अष्टमी व इसके बाद पूरे दिन नवमी तिथि रहेगी। दोपहर में रामनवमी पर राम जन्मोत्सव मनेगा।

शक्तिपीठ के कारण विशेष महत्व

उज्जैन में शक्तिपीठ हरसिद्धि सहित अनेक देवियों के मंदिर हैं। इस कारण यहां चैत्र मास की नवरात्रि का विशेष महत्व है। वर्ष की चार नवरात्रियों में यह सबसे बड़ी मानी जाती है।

चैत्र नवरात्रि कब-कब

वर्ष नवरात्रि तारीख
2015 21 मार्च से 28 मार्च (8 दिन )

2016 8 अप्रैल से 15 अप्रैल (8 दिन )
2017 29 मार्च से 5 अप्रैल (8 दिन )

2018 18 मार्च से 25 मार्च (8 दिन )

वर्ष २०१५ से अब तक लगातार

वर्ष २०१५ से अब तक लगातार चैत्र नवरात्रि आठ दिन की ही रही है। पंडितों ने इसका कारण तिथियों में घट बढ़ होना बताया है। दूसरी ओर नवरात्रि के पहले ही दिन गुड़ी पड़वा और विक्रम नवसंवत्सर २०७५ का शुभारंभ होगा। नूतन वर्ष का नाम विरोधकृत रहोगा। रविवार को नववर्ष का शुभारंभ होने पर इस दिन के स्वामी सूर्य वर्ष के राजा और शनि मंत्री होंगे। खास बात यह है, कि नागदा कर्क रेखा के निकट स्थित है, समीपस्थता होने से नागदा पर दोनों ग्रह अनूकूल प्रभाव डालेंगे।

सूर्य व शनि दोनों ग्रह परस्पर एक दूसरे के विरोधी

सूर्य व शनि दोनों ग्रह परस्पर एक दूसरे के विरोधी है, बावजूद इसके सूर्य के प्रभाव से जिले में नागदा का वर्चस्व बढ़ेगा और शनि के मंत्री रहते न्याय व्यवस्था सुदृढ़ होगी और भ्रष्ट्राचार के खिलाफ शहरवासी आंदोलन कर सकते हैं। प्रतिपदा तिथि एक दिन पूर्व १७ मार्च को शाम ७.४१ बजे प्रारंभ हो जाएगाी, लेकिन अगले दिन रविवार को सूर्योदय काल से ही माना जाएगा। इसलिए पंडि़तों ने चैत्र नवरात्रि इसी दिन से प्रारंभ होना माना है। २०१५ से चौथे वर्ष नवरात्रि आठ दिन की वर्ष २०१८ लगातार यह चौथा वर्ष है, जब चैत्र नवरात्र आठ दिन के हो रहे हैं, इसके पूर्व वर्ष २०१५ में २१ से २८ मार्च तक, २०१६ में ८ से १५ मार्च तक और २०१७ में २९ मार्च से ५ अप्रैल तक नवरात्रि थी। वर्ष २०१४ में नवरात्रि ३१ मार्च से ८ अप्रैल तक पूरे नौ दिन के थे।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जब दो तिथियां एक ही दिन आ जाती है। तब ऐसी स्थिति निर्मित होती है। वर्तमान में नवरात्र का शुभारंभ १८ मार्च और समापन २५ मार्च को होगा। सर्वार्थसिद्धि योग में नवरात्रि सर्वार्थसिद्धि योग में नवरात्रि का शुभारंभ और समापन होगा। पहले दिन नवरात्र का शुभारंभ सर्वार्थसिद्धि योग में होगा। यह योग इस दिन सूर्योदय से रात ८.१८ बजे तक रहेगा। समापन दिवस पर रामनवमी का शुभ मूहूर्त रहेगा। नए वर्ष में मेघेष शुक्र व धनेश होंगे चंद्र। इसी दिन विक्रम नवसंवत्सर २०७५ का शुभारंभ होगा। इस बार नववर्ष का नाम विरोधकृत है। जिस दिन नूतन वर्ष का शुभारंभ होता है, उस दिन के स्वामी ग्रह को उस वर्ष का राजा माना जाता है।

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