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उज्जैन के तीन बच्चे स्कूल जाने निकले थे…यहां पहुंच गए

locationउज्जैनPublished: Nov 15, 2019 10:15:36 pm

तीनों बच्चों ने नहीं मिलने पर परिजनों ने नागझिरी थाने में दर्ज करवाई, पुलिस ने बनाई तीन टीन में 12 घंटे तक खोजती रही
 

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तीनों बच्चों ने नहीं मिलने पर परिजनों ने नागझिरी थाने में दर्ज करवाई, पुलिस ने बनाई तीन टीन में 12 घंटे तक खोजती रही

 

उज्जैन. बाल दिवस पर दो भाई घर से स्कूल जाने का कहकर निकले थे लेकिन शाम तक वापस नहीं लौटे। वहीं उनका एक दोस्त भी घर से लापता हो गया। परिजनों ने जब पुलिस को शिकायत की और एक साथ तीन बच्चों के गायब होने की सूचना आई तो पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया। बच्चों को ढूंढने के लिए तत्काल तीन टीम बनाई, जिन्होंने पूरे शहर में तलाश लिया। करीब १२ घंटे की मशक्कत के बाद तीनों बच्चे सुबह रेलवे स्टेशन के बाहर मिले। दरअसल दोनों भाई अपने दोस्त को लेकर नागदा में बुआ के यहां मिलने चले गए थे। बाद में तीनों बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया।

नागझिरी थाना प्रभारी राममूर्ति शाक्य ने बताया कि गण्ेाश नगर निवासी व्यक्ति के सात व पांच वर्षीय दो पुत्र गुरुवार सुबह ११ बजे स्कूल जाने का कहकर घर से निकले थे। दोपहर तक यह दोनों बच्चे घर नहीं लौटे। इस पर दोनों बच्चों की मां ने नागझिरी थाने पर जाकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसके बाद दोनों की तलाश शुरू की। इसी बीच नेहरू नगर निवासी १० वर्षीय बालक के भी लापता होने की सूचना मिली। एक साथ तीन बच्चों के लापता होने पर एसपी सचिन अतुलकर को सूचना दी गई और बड़े स्तर पर इनकी तलाश शुरू की। शुक्रवार सुबह तीनों बच्चे रेलवे स्टेशन के बाहर मिल गए। इन्हें तलाश रही पुलिस टीम ने फोटो देखकर पहचाना और थाने लेकर आए। टीआई के मुताबिक दोनों भाई की बुआ नागदा में रहती है। दोनों उनसे मिलने जा रहे थे। रास्ते में तीसरा दोस्त मिला तो उसेे भी साथ ले लिया। तीनों दोस्त रेलवे स्टेशन पहुंचे और लोकल ट्रेन से नागदा पहुंच गए। यहां वे बुआ के घर भी पहुंचे लेकिन ताला लगा होने के कारण वापस आ गए। चंूकि रात हो गई थी इसलिए नागदा रेलवे स्टेशन पर रात ही गुजारी। सुबह वहां से उज्जैन की ट्रेन पकड़कर शहर लौटे। सुबह जब तीनेां रेलवे स्टेशन के बाहर घूम रहे थे तो पुलिस ने इन्हें पकड़ा और थाने ले आए।
तीन टीमों ने पूरे शहर को खंगाला

एक साथ तीन बच्चों के लापता होने पर पुलिस में हड़कंप मंच गया। इन्हें तलाशने लिए तीन टीम बनाई गई। एक में खुद टीआई राममूर्ति शुक्ल थी, जो बच्चों को ढूंढने नागझिरी थाना क्षेत्र की कॉलोनियां, विक्रमनगर रेलवे स्टेशन, मालनवासा, बस स्टैंड सहित अन्य क्षेत्रों पहुंची। वहीं दूसरी टीम ने एसआई रोहित पटेल की अगुआई में महाकाल मंदिर, रामघाट, हरसिद्धि, कार्तिक चौक, कार्तिक मेला एवं मंगलनाथ क्षेत्र में बच्चों की तलाश की। तीसरी टीम एसआई लिबान कुजूर द्वारा कालिदास हस्तशिल्प मेला, रेलवे स्टेशन, शनि मंदिर व आसपास के क्षेत्रों में ढूंढार्ई की। स्थिति यह थी कि सारे थानों में बच्चों के फोटो भेज दिए गए थे और रात्रि गश्त के दौरान भी बच्चों को तलाशने के निर्देश दिए गए थे।
जेब में १५ रुपए, बगैर टिकट की ट्रेन यात्रा

तीनों बच्चे स्कूल न जाकर दोपहर में ही रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे। यहां से वे लोकल ट्रेन में बगैर टिकट ही बैठ गए। हालांकि तीनों के पास करीब १५ रुपए रखे हुए थे। इसी रुपए से इन्होंने नाश्ता-पानी भी किया। वहीं रातभर नागदा स्टेशन पर रुककर सुबह भी बगैर टिकट के उज्जैन आ गए। टीआई शाक्य के मुताबिक घटना के वक्त दोनों भाई के पिता इलाहाबाद में अस्थी विसर्जन करने गए थे। मां मजूदरी करती है। वहीं एक अन्य बच्चे के पिता नहीं है। उसकी मां क्षेत्र के एक स्कूल में बाई का काम करती है।
इनका कहना

एक ही जगह से तीन बच्चों के लापता होने की सूचना मिली थी। तीनों की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कर इन्हें तलाशने तीन टीम बनाई गई थी। सभी थानों के अलावा रात्रि गश्त में इन्हें ढूंढने को कहा गया था। शुक्रवार सुबह तीनों बच्चे मिल गए।
– सचिन अतुलकर, एसपी

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