शहर में जिन भी बस्ती व इलाकों में पीएम आवास के 2.50 लाख अनुदान से मकान बने हैं, उनमें बाहर व किचन स्टैंड के ऊपर निगम ने सेरेमिक टाइल्स लगवाई थी, जिस पर पीएम व सीएम के फोटो व बीच में आवास योजना का लोगो प्रिंट है। इसको लेकर शुरुआती दौर में भी आलोचना हुई थी, लेकिन सरकारी निर्देश होने से इसका पालन निगम ने कर दिया। लेकिन अब हाइकोर्ट खंडपीठ ग्वालियर न्यायमूर्ति संजय यादव व विवेक अग्रवाल की युगलपीठ के आदेश पर ये सारी टाइल्स निगम को ही हटवाना पडेग़ी। याचिका संजय पुरोहित की ओर से दायर हुई थी। हालांकि अभी इस संबंध में शासन के कोई निर्देश निगम में नहीं पहुंचे हैं।
21 लाख का टेंडर भी कर चुके
पीएम आवास अंतर्गत निर्मित बने मकानों के बाहर टाइल्स लगाने के लिए नगर निगम ने 21 लाख रुपए का टेंडर भी किया है, जिसमें टाइल्स सप्लाय से लेकर इन्हें लगाने तक का काम भी शामिल था। निगम अधिकारियों का कहना है इस टेंडर में पूरा काम नहीं हो पाया था। बीच में ही किन्हीं कारणों से यह रुक गया था, लेकिन बताया जा रहा है कि लाखों रुपए की टाइल्स निगम लगवा चुका है, इसका भुगतान भी करना पड़ेगा।
आचार संहिता से पहले हटेगी
हाइकोर्ट के आदेश में भले ही तीन माह में टाइल्स हटाकर रिपोर्ट देने का उल्लेख है, लेकिन जानकारों की मानें तो आगामी चुनाव व आचार संहिता के मद्देनजर ये राजनीतिक मुद्दा ना बने इसके चलते शासन ही इन टाइल्सों को हटवा लेगा। ताकी कांग्रेस को इस मुद्दे पर राजनीति करने का मौका ना मिले।
इनका कहना –
फिलहाल इस संबंध में शासन से कोई निर्देश नहीं मिले हैं। यदि कोई गाइडलाइन आएगी तो उस अनुसार जरूरी कार्रवाई करेंगे।
– मनोज पाठक, प्रभारी निगमायुक्त