जिले के स्कूलों में परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली गई। रविवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें 14 मास्टर ट्रेनर में सभी जानकारी विद्यालय के प्राचार्यों को दी। उक्त परीक्षा में 15 फरवरी को जो विद्यार्थी वंचित रहे जाएंगे। उनकी परीक्षा 16 व 17 को ली जाएगी। जिले में लगभग सभी विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल करने लक्ष्य रखा गया गया है।
इन क्षेत्रों के प्रश्न
रक्षा व वर्दीधारी सेवा, कृषि क्षेत्र, कला, ललित कला, आरोग्य और जैविक विज्ञान क्षेत्र, वाणिज्य, तकनीकी क्षेत्र
140 प्रश्न में बताएंगे अभिरुचि
एप के माध्यम से होने वाली परीक्षा में विद्यार्थियों से प्रति क्षेत्र के 20 प्रश्र पूछे जाएंगे। इन प्रश्नों में विद्यार्थियों को अपनी अभिरुचि के आधार पर उत्तर देना होगा। ऐसे 140 प्रश्नों में विद्यार्थी की अभिरुचि स्पष्ट हो जाएगी। परीक्षा के लिए प्राचार्य व शिक्षकों के मोबाइल पर एप डाउनलोड करवा दिया गया है। इसके लिए एक लॉगिन व पासवर्ड है। यह प्राचार्य के पास रहेगा। एक मोबाइल फोन पर अधिकतम 10 विद्यार्थियों की परीक्षा ली जाएगी।
नए वर्ष में विवि फोकस कैम्पस की सुंदरता व स्वच्छता पर
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन ने आर्थिक तंगी को दरकिनार कर कैम्पस की सुंदरता और स्वच्छता बढ़ाने पर ध्यान देना शुरू किया है। वर्ष 2018 में कैम्पस को चकाचक करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए तेजी से काम किया जा रहा है। विवि प्रशासन ने एक माह में चार खरीदी के टेंडर जारी कर दिए हैं। इसमें सफाई के लिए डस्टबिन, सोफा, टेबल सहित अन्य ऑफिस आइटम, हॉस्टल व अध्ययनशाला के लिए समान है। इन सभी खरीदी के बाद पुरानी व जर्जर चीजों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
विक्रम विवि की अध्ययनशाला व हॉस्टल जर्जर हो चुके हैं। करोड़ों रुपए के संधारण के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, लेकिन अब कुलपति प्रो. शीलसिंध पाण्डे ने कैम्पस व अध्ययनशाला की स्थिति को सुधारने के लिए बड़े स्तर पर काम शुरू किया है। इसके लिए सभी विभागों में मांग के अनुरूप खरीदी व सुधार काम किए जा रहे है। इसमें सबसे ज्यादा फोकस मूलभूत सामान की खरीदी पर ध्यान दिया जा रहा है।
फरवरी में लग जाती खरीदी पर रोक
वित्तीय वर्ष खत्म होने के कारण शासन फरवरी व मार्च माह में खरीदी व टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा देता है। विद्यार्थी हित व विवि के लिए विकास की प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो, इसके लिए विवि प्रशासन समय रहते प्रक्रिया को अंजाम दे दिया है, ताकि सभी काम लेटलतीफी का शिकार नहीं हो।