ब्याज के पैसों के लेन देने के चक्कर में हत्याएं
गुरुवार को एसएसपी राजेन्द्र शुक्ल ने ट्रिपल मर्डर केस का खुलासा करते हुए बताया कि सोमवार मंगलवार की दरम्यानी रात दो लाश बुरावदा गांव के पास मिली थीं जिनकी पहचान उज्जैन निवासी राजेश नागर और उसके बेटे पार्थ नागर के तौर पर हुई थी। मंगलवार को जब पुलिस इनके घर पहुंची तो घर पर ताला लगा हुआ था ताला तोड़कर घर की तलाशी लेने पर पलंग की पेटी में राजेश की मां सरोज नागर की भी लाश मिली थी। तफ्तीश के दौरान पता चला था कि नागर परिवार ब्याज पर पैसे देने का काम करता था। इसी आधार पर मामले की जांच की गई तो पता चला कि इन्होंने सब्जी ठेले वालों को डेली कलेक्शन के नाम पर ब्याज में मोटी रकम दे रखी थी। उज्जैन के रहने वाले जयराम कुशवाह के 20 हजार और सागर निवासी दिनेश जैन के 2 लाख 75 हजार रुपए की देनदारी की बात भी सामने आई। इस आधार पर जब पुलिस ने जयराम और दिनेश को पकड़कर पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
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ऐसे दिया वारदात को अंजाम
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि बड़ी रकम देने के बाद भी राजेश और उसका बेटा पार्थ रोजाना ब्याज के नाम पर पैसे देने के लिए दबाव बनाते थे और विवाद करते थे। रोजाना होने वाले विवाद के कारण जयराम और दिनेश ने दोनों की हत्या करने की साजिश रची। 8 अप्रैल को दोनों आरोपियों ने पिता-पुत्र से कहा कि उन्हें बुरावदा गांव के एक व्यक्ति से पैसे लेने हैं वो दिलवा दो आपका हिसाब चुकता कर देंगे। पिता-पुत्र उनकी बातों में आ गए और ऑटो से उनके साथ चले गए इसी दौरान रास्ते में आंखों में मिर्ची डालकर दोनों आरोपियों ने पिता राजेश व बेटे पार्थ की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। बाद में आरोपी लौटकर उनके घर पहुंचे और बुजुर्ग महिला सरोज नागर की भी हत्या कर घर से वो चैक हासिल करना चाहते थे जो पैसे ब्याज पर लेते वक्त उन्होंने दिए थे लेकिन वो आरोपियों को नहीं मिल पाए। आरोपी जयराम को पुलिस ने उज्जैन और दिनेश को सागर से गिरफ्तार किया है।