दशहरा मैदान पर रावण दहन
दशहरा उत्सव समिति की तरफ से स्व. लाला अमरनाथ की स्मृति में शनिवार को दशहरा मैदान पर १०१ फीट के रावण का दहन किया गया। शाम ८.३० बजे भगवान राम ने धनुष से वार किया और तीर लगते ही रावण जल उठा। इसी के साथ रंगीन आतिशबाजी से पूरा आसमां रोशन हो गया और मैदान में मौजूद लोगों ने जय-जय श्रीराम के जयघोष लगाना शुरू कर किए। मंच पर भगवान राम के साथ लक्ष्मण, सीता और हनुमान के पात्र भी मौजूद रहे। दशहरा मैदान पर रावण दहन कार्यक्रम के लिए हजारों की संख्या में लोग शाम ७ बजे से ही पहुंचाना शुरू हो गए। एक घंटे बाद दशहरा मैदान के आसपास की कॉलोनी पार्किग के रूप में बदल गया। तरणताल तक वाहनों की भीड़ लग गई।
यहां भी रावण दहन
रामघाट तट पर स्थित कार्तिक मेला ग्राउंड पर जैसे ही रावण का दहन हुआ, वैसे ही राम के जयकारे लगने लगे। नदी के दूसरे किनारे तक लोगों की भीड़ थी। स्व. प्रेमनारायण यादव की स्मृति में विजयादशमी महोत्सव समिति द्वारा इस वर्ष रावण के बाहुबली स्वरूप का दहन किया गया। इस वर्ष बाहुबली स्वरूप में रावण के पुतले का निर्माण किया गया था। इस वर्ष भी रंगीन आतिशबाजी हुई। रावण के पुतले का निर्माण कादिर खान आगरा वाले के निर्देशन में किया। रावण दहन के पूर्व जमीनी एवं आतिशबाजी का मुकाबला ओमप्रकाश भाई ग्वालियर एवं सीताराम के मध्य हुआ, जिसका दर्शकों ने जमकर आनंद उठाया। समारोह में सभी धर्मगुरुओं का सम्मान किया गया।