उज्जैन

दो बच्चों ने पॉकेट मनी से बनाया २४ फीट का रावण व लंका

संदेश… गुरूर रावण का भी न टिका तो इंसान की बिसात क्या, दशहरा मैदान और कार्तिक मेला ग्राउंड पर रावण का दहन किया, बड़ी संख्या में पहुंचे लोग

उज्जैनOct 01, 2017 / 11:40 am

Gopal Bajpai

दो बच्चों ने पॉकेट मनी से बनाया २४ फीट का रावण व लंका

उज्जैन. अवंतिपुरा निवासी दो छोटे बच्चों ने अपनी छह माह की पॉकेट मनी से २४ फीट का रावण तैयार कर दिया। दोनों ने अपनी पॉकेट मनी से करीब ३००० रुपए एकत्र किए थे। इन्होंने नवरात्रि की सप्तमी से रावण बनाने का कार्य प्रारंभ किया। शनिवार को दोनों ने रावण को पूर्ण रूप दिया और फिर रात को पूरे मोहल्ले के समक्ष दहन किया। विशेष बात यह है कि दोनों बच्चों की उम्र अभी सिर्फ १३ वर्ष है।
अवंतिपुरा निवासी लक्ष्य तिवारी और वंश तिवारी ने शनिवार को २४ फीट के रावण का दहन किया।
लक्ष्य और वंश का कहना है दोनों ने ५५०० रुपए की बचत की। नवरात्रि की सप्तमी से दोनों रावण बनाने का कार्य शुरू किया। रावण के पुतले को खड़ा करने में दोनों को ३००० रुपए खर्च हुए। एक मंच के निर्माण में १००० रुपए खर्च हुए, जिसे लंका का स्वरूप दिया गया था। आरती, प्रसाद व आतिशबाजी १५०० रुपए खर्च हुए हैं।


दशहरा मैदान पर रावण दहन
दशहरा उत्सव समिति की तरफ से स्व. लाला अमरनाथ की स्मृति में शनिवार को दशहरा मैदान पर १०१ फीट के रावण का दहन किया गया। शाम ८.३० बजे भगवान राम ने धनुष से वार किया और तीर लगते ही रावण जल उठा। इसी के साथ रंगीन आतिशबाजी से पूरा आसमां रोशन हो गया और मैदान में मौजूद लोगों ने जय-जय श्रीराम के जयघोष लगाना शुरू कर किए। मंच पर भगवान राम के साथ लक्ष्मण, सीता और हनुमान के पात्र भी मौजूद रहे। दशहरा मैदान पर रावण दहन कार्यक्रम के लिए हजारों की संख्या में लोग शाम ७ बजे से ही पहुंचाना शुरू हो गए। एक घंटे बाद दशहरा मैदान के आसपास की कॉलोनी पार्किग के रूप में बदल गया। तरणताल तक वाहनों की भीड़ लग गई।


यहां भी रावण दहन
रामघाट तट पर स्थित कार्तिक मेला ग्राउंड पर जैसे ही रावण का दहन हुआ, वैसे ही राम के जयकारे लगने लगे। नदी के दूसरे किनारे तक लोगों की भीड़ थी। स्व. प्रेमनारायण यादव की स्मृति में विजयादशमी महोत्सव समिति द्वारा इस वर्ष रावण के बाहुबली स्वरूप का दहन किया गया। इस वर्ष बाहुबली स्वरूप में रावण के पुतले का निर्माण किया गया था। इस वर्ष भी रंगीन आतिशबाजी हुई। रावण के पुतले का निर्माण कादिर खान आगरा वाले के निर्देशन में किया। रावण दहन के पूर्व जमीनी एवं आतिशबाजी का मुकाबला ओमप्रकाश भाई ग्वालियर एवं सीताराम के मध्य हुआ, जिसका दर्शकों ने जमकर आनंद उठाया। समारोह में सभी धर्मगुरुओं का सम्मान किया गया।

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