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उज्जैन में दो मेले लेकिन रंगत कुछ ऐसी

locationउज्जैनPublished: Nov 10, 2019 09:33:44 pm

Submitted by:

aashish saxena

अव्यवस्थाओं के शिकार हो रहे कार्तिक और हस्तशिल्प मेले, जरूरी तैयारियां भी समय पूर्व पूरी नहीं हो सकी, शुरुआत में रंगत फीकी

Two fairs in Ujjain but prepration like...

अव्यवस्थाओं के शिकार हो रहे कार्तिक और हस्तशिल्प मेले, जरूरी तैयारियां भी समय पूर्व पूरी नहीं हो सकी, शुरुआत में रंगत फीकी

उज्जैन. शहर में दो मेलों का आयोजन हो रहा है और दोनों का ही लोगों को बेसबरी से इंतजार रहता है। एक मेला शुरू हो चुका है और एक सोमवार को होगा, लेकिन दोनों ही अव्यवस्थाओं के शिकार हो रहे हैं। जो शुरू हो चुका है, उसमें अब कई दुकाने प्रारंभ नहीं हो सकी है और जो शुरू होने वाला है, वहां भी अभी दुकानें तैयार ही हो रही है। इन दोनों ही मेलों की तैयारियों में खामी सिर्फ दुकानों तक ही सिमित नहीं है, मूलभूत सुविधाएं तक पूरी तरह उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। एेसे में एक शुरू होने और एक शुरुआत के नजदीक पहुंचने के बावजूद मेले की रंगत पूरी तरह नहीं चढ़ पाई है।

पाइप लाइन फूटी, फैला कीचड़

केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत के मुख्य आतिथ्य और महापौर मीना जोनवाल की अध्यक्षता में सोमवार शाम 7 बजे नगर निगम द्वारा कार्तिक मेले का शुभारंभ होगा। शुभारंभ के एक दिन पूर्व भी मेला ग्राउंड पर दुकानें बनने का ही कार्य चल रहा था। कुछ दुकानों पर पतरे लग रहे थे तो कुछ पर साज-सज्जा शुरू हो पाई थी। दुकानों के लिए नल कनेक्शन की अभी शुरुआत ही हुई है। रविवार को कर्मचारियों द्वारा जगह-जगह गड्ढे कर नल कनेक्शन के लिए पाइंट निकालने जा रहे थे। इस दौरान एक-दो जगह पाइप लाइन फूट गई जिससे आसपास के क्षेत्र में कीचड़ पसर गया। झूले-चकरी भी पूरी तरह नहीं लक सके हैं। अभी दुकानें पूरी तरह नहीं लगने के कारण बिजली के मीटर भी नहीं लग सके हैं। एेसे में शुभारंभ के समय संभव है कि कई दुकानों पर अंधेरा ही पसरा रहे।

एक दिन पहले आवंटन, नहीं खुल सकी दुकानें

कालिदास एकाडमी में आयोजित हस्तशिल्प मेले का शुभारंभ 8 नवंबर को हुआ था। दो दिन बीतने के बाद भी मेले में सभी दुकानें शुरू नहीं हो पाई हैं। इस कारण अधिकांश को मेला शुरू होने के बाद दुकान आवंटन के दस्तावेज मिले। एेसे में वह दुकान खोलने की तैयारी समय पर नहीं कर सके। कुछ व्यापारियों को पीछे के भाग में दुकानें दी गई हैं और ग्राहकी कम होने की आशंका में वे दुकान शुरू करने-न करने को लेकर असमंजस में हैं। 11 दिवसीय हस्तशिल्प मेले के दो दिन बिना रंगत के ही बीत चुके हैं। रविवार को गिट्टी चूरी डालकर सुधारकार्य किया गया। कलकत्ता से आए विश्वनादास के अनुसार उन्हें शनिवार को दुकान आवंटित हुई। दुकान पर टीन शेड तक नहीं है और रविवार शाम तक वे दुकान की स्थिति सुधारने में ही लगे रहे। कई दुकानों पर दोपहर तक लाइट ही नहीं लग पाई थी। जिला पंचायत द्वारा पानी की कोई व्यवस्था नहीं की जाती है। रविावर को दुकानों को कुछ व्यापारियों में विवाद भी हुआ।

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