महाकाल मंदिर के दो अफसरों ने उठाए ये कदम, मचा हड़कंप
उज्जैनPublished: Sep 17, 2019 12:32:38 am
इस्तीफे सौंपे जाने के बाद आंतरिक व्यवस्था पर असर
इस्तीफे सौंपे जाने के बाद आंतरिक व्यवस्था पर असर
उज्जैन. महाकाल मंदिर समिति के दो सहायक प्रशासनिक अधिकारियों के इस्तीफे देने के बाद मंदिर की आंतरिक व्यवस्था गड़बड़ा गई है। दोनों ही अधिकारी काफी लंबे समय से अपनी सेवा दे रहे थे। इस्तीफे की बात मंदिर के गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।
सहायक प्रशासनिक अधिकारी दिलीप गरुड़ और एसपी दीक्षित ने मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एसएस रावत को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि मंदिर से जुड़े जिम्मेदार अभी इस पर कुछ भी स्पष्ट रूप से बताने को तैयार नहीं हैं कि दोनों के इस्तीफे के पीछे क्या वजह थी और अभी तक इस्तीफा स्वीकृत किया भी है या नहीं। बता दें, महाकाल मंदिर समिति में महती जिम्मेदारियों वाले पदों के प्रभार ७ अधिकारियों को सौंप रखे हैं। इनमें से दो अधिकारियों के इस्तीफे बाद व्यवस्थाएं संभालने में परेशानी हो रही थी। प्राप्त जानकारी अनुसार दिलीप गरुड़ और एसपी दीक्षित लंबे समय से मंदिर नहीं आ रहे थे। जब उनके नहीं आने का कारण पूछा गया, तो प्रशासक रावत सहित अन्य अधिकारी भी इनके अवकाश पर जाने का कहकर मामले को टाल रहे थे। अब जब इस्तीफे की बात सामने आई तो जिम्मेदार धीमे स्वर में इसे स्वीकार कर रहे हैं।
ताबड़तोड़ बदलना पड़े प्रभार
दोनों अधिकारियों के इस्तीफे बाद महाकाल मंदिर समिति में शनिवार को प्रशासक एसएस रावत ने कुछ प्रभार बदल दिए हैं। इनमें सहा. प्रशासक सीपी जोशी को स्टोर, निर्माण, लड्डू प्रसाद, कोठार, गोशाला, विद्युत, आईटी व विधि का प्रभार दिया गया है। सहा. प्रशासनिक अधिकारी मूलचंद जूनवाल को भस्म आरती, स्थापना शाखा, सीएम हेल्प लाइन, टीएल, जनसुनवाई के अलावा भूमि आवंटन का कार्य सौंपा गया है। सहा. प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी को चिकित्सा, वाहन, प्रवचन हॉल, महाकाल धर्मशाला, अतिथि निवास, भेंटपेटी व संस्कृति प्रभारी बनाया है। इसी प्रकार पीएस राणावत को केश-लेखा शाखा का प्रभार दिया गया है। इस्तीफे सौंपे जाने के बाद आंतरिक व्यवस्था पर असर