सिंहस्थ क्षेत्र में चार कॉलोनियों के अवैध होना पाया था, कार्रवाई नहीं होने से फिर खरीदी-बिक्री शुरू हुई
उज्जैन
Published: March 14, 2022 09:18:17 pm
उज्जैन। सिंहस्थ क्षेत्र में अवैध तरीके से हुए पक्के निर्माणों को हटाने की कार्रवाई पर अब प्रशासन ने चुप्पी साध ली है। सिंहस्थ क्षेत्र से न तो अवैध कॉलोनियों में बने मकानों को तोडऩे की कार्रवाई शुरू हो पाई है और न ही लोगों ने मकान खाली कराए जा सके हैंं। जबकि प्रशासन की जांच में सिंहस्थ क्षेत्र में ही ४ कॉलोनियां अवैध तरीके बनी हुई पाई गई थी। स्थिति यह है कि निगम द्वारा रहवासियों को नोटिस देने के बाद अब तक यह कॉलोनियां जस के तस है। वही इन कॉलोनियों में मकान की खरीद-फरोख्त भी श्ुारू हो गई है।
जिला प्रशासन ने सिंहस्थ क्षेत्र में वर्ष २०१६ के बाद हुए पक्के निर्माणोंं की जांच करवाई थी। इसमें सामने आया था कि झोन क्रमांक १ में चार व झोन क्रमांक 2 में दो अवैध कॉलोनी है। इसके अलावा एक दर्जन के अधिक पक्के निर्माण कर लिए गए है। इसी के बाद कलेक्टर आशीषसिंह ने अवैध कॉलोनियों को सिंहस्थ क्षेत्र से हटाने की कवायद शुरू की थी। नगर निगम द्वारा इसके लिए रहवासियों को नोटिस भी थमाए गए थे। बाद में दीपपर्व के चलते प्रशासन ने कार्रवाई में ढील दी थी। इसके बाद से सिंहस्थ क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने की कवायद ठंडे बस्ते में चली गई। नोटिस दिए छह महीने होने आए हैं लेकिन अब तक एक भी कॉलोनी में मकान न टूटे और न ही लोगों का यहां से हटाया गया। इसके चलते सिंहस्थ क्षेत्र में हुए पक्के निर्माणकर्ता अब कार्रवाई नहीं होने की बात कह कर लोगों को गुमराह भी कर रहे हैं। इसी के चलते अब इन कॉलोनियों में दोबारा से मकान बनने से लेकर खरीद-फरोख्त शुरू हो गई है। दलाल भी सक्रिय है और प्रशासन द्वारा नहीं होने की बात कहकर लोगों को गुमराह भी कर रहे हैं।
कॉलोनाइजर के मकान तोडऩे तक सीमित
सिंहस्थ क्षेत्र में अवैध कॉलोनी निर्माण में प्रशासन की कार्रवाई कॉलोनाइजर तक ही सीमित होकर रह गई है। दो-तीन कॉलोनाईजरों के मकान तोड़े गए और इसके बाद से कार्रवाई बंद कर दी गई। वहीं जिनके मकान तोड़े गए थे उनमें से कुछ ने दोबारा से मरम्मत भी करवा ली है।
प्रशासन नहीं करवा पाया समझौता
सिंहस्थ क्षेत्र की अवैध कॉलोनी में से लोगों को हटाने के लिए प्रशासन ने कॉलोनाइजर और रहवासियों के बीच समझौते का प्रयास शुरू किया था। इसके तहत कॉलोनाइजर द्वारा रहवासियों को राशि लौटाई जाना थी। इस काम के लिए एसडीएम खुद लगे थे लेकिन इसमें भी खास सफलता नहीं मिली । कॉलोनाइजर न लोगों को राशि देने को तैयार है और न ही लोग मकान खाली करने को। इसके चलते स्थिति जस की तस बनी हुई है।
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