मामला उज्जैन से 30 किलोमीटर दूर स्थित आसेर गांव का है। कायथा थाना क्षेत्र पुलिस के मुताबिक गांव के बाहर खेत में जितेंद्र का मकान है, जहां वह पत्नी सुनीता के साथ रहता था। जितेंद्र के पिता मनोहर सिंह गांव में ही अलग रहते हैं। शुक्रवार की देर रात को जितेंद्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसकी सूचना के बाद थोड़ी देर बाद ही पत्नी सुनीता ने भी जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी। पत्नी और पति के आत्महत्या की खबर लगते ही आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई। कुछ ही देर में जितेंद्र के आसपास गांव वालों की भीड़ जमा हो गई।
दूधवाले ने तड़पते देखा
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की देर रात को करीब आठ बजे दूधवाला जितेंद्र के घर दूध देने गया था। तभी उसने आवाज लगाई। कई बार आवाज लगाने पर भी कोई बाहर नहीं आया तो दूध वाला घर के भीतर गया। जहां उसने देखा कि जितेंद्र फांसी के फंदे पर लटका हुआ है और कमरे में ही सुनीता तड़प रही है। वह चीखता हुआ गांव की तरफ भागा। दूधवाले की चीख सुनकर आसपास के लोग भी वहां पहुंच गए। जब गांव वाले जितेंद्र के घर में पहुंचे तब सुनीता की सांसें चल रही थीं। तुरंत ही एंबुलेंस को फोनकर सुनीता को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां रास्ते में सुनीता ने दम तोड़ दिया।
कोई बच्चे नहीं थे
बताया जा रहा है कि जितेंद्र की शादी के पांच साल हो चुके हैं, लेकिन उनकी कोई भी संतान नहीं थीं। इसलिए सास-ससुर से हमेशा विवाद होता रहता था। आए दिन झगड़े भी होते थे। इस कारण पति-पत्नी में भी झगड़ा होता रहता था। यही कारण है कि जितेंद्र अपने माता-पिता से अलग घर में रह रहा था।
कायथा थाने की पुलिस के मुताबिक 6 माह पहले जून में ही सुनीता की ननद ने दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। जिसमें सुनता और उसका रिश्ते का भाई आरोपी थे। दुष्कर्म के मामले में सुनीता हाल ही में जमानत पर जेल से छूटी थी। पुलिस की जांच के मुताबिक सुनीता ने ही ननद के अवैध संबंध अपने रिश्ते के भाई से बनवाने में भूमिका निभाई थी। यही वजह थी कि सुनीता के अपने सास-ससुर से अक्सर विवाद होता रहता था। इसी बात की वजह से परिवार में आए दिन झगड़ा होता रहता था।