उज्जैन उत्तर: सफाई के बुरे हाल, प्रमुख चौराहे के सिग्नल बंद
सफाई : मंत्री के राज नगर स्थित घर से 100 मीटर दूरी पर ही सड़क पर कचरा व मवेशी विचरण आम है। यहां डस्टबिन लगे हैं लेकिन नियमित ठीक से सफाई नहीं होने से कचरा इनके आसपास फैला रहता है। जबकि ये मार्ग जीरो पाइंट ब्रिज को मिलता है।
अतिक्रमण व यातायात
कोयला फाटक से निजातपुरा की ओर जाने वाले मार्ग पर दर्जनभर से अधिक गुमटियों का अतिक्रमण है। अधिकांश में गैरेज संचालित हैं। इनके संचालक सड़क पर ही वाहन सुधारते हंै। इस कारण मार्ग का यातायात बाधित होता है। आगर रोड मुख्य मार्ग कोयला फाटक चौराहा का सिग्नल महीनों से बंद है, जिसके चलते सैकड़ों वाहन गुत्थमगुत्था होते है। इस मार्ग पर कई लोग अकाल मौत का शिकार बन चुके हैं।
डे्रनेज: मंत्री के घर के बाहर की आगर रोड मुख्य मार्ग होने से यहां डे्रनेज की अधिक समस्या तो नहीं। लेकिन कॉलोनियों में जल निकासी समुचित नहीं होने से तेज बारिश में जलभराव हो जाता है। नालियों में मलबा जमा रहने से बदबू का आलम रहता है।
पानी : अरविंद नगर के आसपास छोटी-बड़ी दर्जनभर कॉलोनियां हंै। यहां पानी तो मिलता है लेकिन गंदा जलप्रदाय होने से लोग पेयजल के लिए अन्य जलस्रोत व आरओ कैंपर का सहारा लेते हैं। समीप की सुदामा नगर कॉलोनी में पानी कि किल्लत भी रहती है।
शिक्षा: घर के आसपास सुदामा नगर, फाजलपुरा में सरकारी स्कूलों के भवन की स्थिति अच्छी है। हाल ही में इनके नए भवन बने हैं। लेकिन इन स्कूलों में विद्यार्थियों की अधिकता होने से कक्षों की कमी पड़ती है। परिसर में पर्याप्त जगह भी है।
स्वास्थ्य: सिंहस्थ की सौगात के रूप में मंत्री निवास से 500 मीटर दूर 100 करोड़ से चरक अस्पताल निर्मित हुआ है। 550 बेड की क्षमता वाला छह मंजिला अस्पताल है। इसमें चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ व संसाधनों की कमी से समुचित उपयोग नहीं हो पाता।
उज्जैन दक्षिण: अस्थायी अतिक्रमण की जद में क्षेत्र, गंदगी भी पसरी
विधायक मोहन यादव का निवास व कार्यालय फ्रीगंज क्षपणक मार्ग पर स्थित है। कार्यालय के आसपास मुख्य रूप से व्यावसायिक क्षेत्र फ्रीगंज, मक्सीरोड सब्जी मंडी, राजस्व कॉलोनी, घास मंडी क्षेत्र, पुलिस कंट्रोल रूम आदि आते हैं। यहां प्रमुख समस्या अस्थायी अतिक्रमण के साथ अन्य समस्याएं भी हैं।
ड्रेनेज : क्षेत्र का ड्रेनेज सिस्टम खराब है। अधिकांश नालियां गंदगी से पटी हैं। न नियमित सफाई होती है और नहीं सुधार के कोई ठोस उपाय हुए। थोड़ी सी बारिश में ही नालियों की गंदगी सड़क पर फैल जाती है।
सफाई : क्षेत्र में झाड़ू लगने के साथ डोर टू डोर कचरा कलेक्शन तो होता है लेकिन डस्टबिन नियमित नहीं उठाए जाते। अधिकांश डस्टबिन के आसपास गंदगी फैली रहती है।
अतिक्रमण : व्यावासायिक क्षेत्र होने के कारण अस्थायी अतिक्रमण बड़ी समस्या है। सड़कों पर ठेले-गुमटियों का बेलगाम अतिक्रण है। पोर्च निर्माण का मुद्दा अधर में है और पक्के अतिक्रमण भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
शिक्षा : शासकीय स्कूलों की स्थिति तुलनात्मक ठीक है। दशहरा मैदान कन्या स्कूल, जाल स्कूल आदि शासकीय विद्यालय है। पूर्व में एक-दो स्कूलों के भवन जीर्ण-शीर्ण हो गए थे, लेकिन इन्हें नए भवनों में शिफ्ट कर दिया गया है।
पानी: जलप्रदाय की स्थिति तुलनात्मक ठीक है। कभी-कभी गंदे पानी की शिकायतें जरूर सामने आती हैं।
स्वास्थ्य : नजदीक ही माधवनगर सरकारी अस्पताल हैं। नए शहरी क्षेत्र को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के उद्देश्य से बहुमंजिला भवन का निर्माण हुआ था। चिकित्सक व स्टाफ की कमी के कारण भवन के अधिकांश कक्ष खाली पड़े रहते हैं। सुविधा के अभाव में गिनती के मरीज ही लाभ ले पाते हैं। बड़ी जरूरत के बाद भी पूरी क्षमता से अस्पताल का संचालन नहीं हो रहा।
यातायात : मुख्य व्यावसायिक क्षेत्र होने के बावजूद यातायात व्यवस्था बदहाल है। पार्किंग की व्यवस्था नहीं है और आधी सड़कें खड़े वाहनों से भरी रहती हैं। पार्किंग के लिए आरक्षित कट चौक अतिक्रमण की जद में हैं। इससे यातायात में बाधा आती है। सड़कों पर दिनभर वाहन चालक परेशान होते हैं।