उज्जैन

बेटे की मौत से अंजान मां को अस्पताल लेकर पहुंचे, शव देख बेसुध हो गई मां, भाइयों ने वीडियो कॉल पर किए अंतिम दर्शन

कोरोना वायरस के संक्रमण के हदय विदारक प्रभाव

उज्जैनApr 22, 2020 / 12:17 am

Mukesh Malavat

कोरोना वायरस के संक्रमण के हदय विदारक प्रभाव

नागदा. शहर में एक हृदय विदारक घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। बेटे की मौत से अंजान मां को तो परिजन जैसे-तैसे अस्पताल लेकर पहुंच गए, जैसे ही मां ने बेटे के शव को देखा तो बेसुध होकर बेहोश हो गई। बेटे के स्वस्थ्य होकर घर लौटेने के इंतजार में व्याकुल मां ने बेटे को लेकर जो सपना संजोया था वह भी अधूरा ही रह गया। इतना ही नहीं मृत हुए युवक के बड़े एवं छोटे भाई सहित अन्य परिजनों को विडियोंकॉल पर भी अंतिम दर्शन करना पड़े।
यह वाक्या है दयानंद कॉलोनी में रहने वाले राधेश्याम पांचाल के 14 वर्षीय बेटे गौरव का। बता दे कि बुखार और सरदर्द की शिकायत के चलते 18 अप्रैल को डॉ. सुनील चौधरी के अस्पताल में परिजन उसे इलाज के लिए लेकर पहुंचे थे। लेकिन कोरोना के डर से डॉक्टर ने इलाज करने की बजाए उसे जनसेवा अस्पताल भेज दिया था। बुखार से पीडि़त होने के कारण वहां भी उसे उपचार नहीं मिला और डॉक्टर ने उसे सरकारी अस्पताल रैफर कर दिया। बुखार में तप रहे गौरव को परिजन जब सरकारी अस्पताल पहुंचे तो अफसोस यहां भी उसे उपचार नही मिला। उसी दिन शाम को उसे 108 एबुंलेस से उज्जैन रैफर कर दिया गया। अगले दिन रविवार छुट्टी होने के कारण जब दिन भर उसका इलाज शुरू नही हो सका तो साथ आए पिता राधेश्याम और अंकल ने उज्जैन के निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जांच के बाद डॉक्टरों ने गौरव को जांडिस यानी पीलिया से गंभीर रूप से पीडि़त होना बताया। गौरव का उपचार भी प्रारंभ हो गया था, लेकिन डॉक्टर उसे बचा नही सके। सोमवार सुबह 04 बजे उसकी मौत हो गई। मृतक 10 वी कक्षा का छात्र था और उसका एक बड़ा और छोटा भाई भी है। जो अपनी मॉ के साथ घर पर ही उसके स्वस्थ्यहोकर लौटने का इंतजार कर रहा था।
केवल मां को ले जाने की मिली अनुमति
पिता राधेश्याम ने बेटे के शव को नागदा लाने की अनुमती प्रशासन से मांगी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते अनुमति नहीं दी गई। जैसे-तैसे समाज के लोगों ने एसडीएम आरपी वर्मा से गुजारिश करते हुए मां को उज्जैन ले जाने की गुहार लगाई। अस्पताल की दहलीज पर पहुंचते ही मां से बेटे के शव को देखा तो बेसुबध हो गई। हालांकि परिजनों से उसे ढांढस बंधाई। परिजनों को बेटे का अंतिम संस्कार उज्जैन के रामघाट पर ही करना पड़ा। बेटे के अंतिम संस्कार में उसके पिता राधेश्याम और अकंल ही साथ थे। पिता ने बेटे को मुखाग्नी दी। पिता ने मृतक के भाईयों और रिश्तेदारों को वीडियो कॉलिंग से उसके अंतिम दर्शन करवाएं।

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