घर पर नहीं थी पत्नी
पारिवारिक मित्र डॉ. रौनक एलची ने बताया दीदी (विजय की पत्नी) कुछ दिन से मायके गई हुई थीं। जब यह दु:खद हादसा हुआ, वह घर पर नहीं थी। घटना से वे और सभी परिजन सदमे में हैं। विजय की दो वर्ष की बेटी है।
अधकचरा नेलपेंट दिखा रही थी मासूम
गुरुवार को जब सभी विलाप में थे, विजय की दो वर्षीय बेटी मासूमियत से सबको देख रही थी। वह डॉ. रौनक की गोदी में हाकर बैठ गई। उसे नहीं पता था कि उसके पापा अब दोबारा नहीं उठेंगे। वह डॉ. रौनक को कौमल अंगुलियों में अधकचरी सी लगी लाल नेलपेंट दिखा रही थी। कभी रौनक उसका मन बहलाते, कभी अपने आंसु पोछते। हादसे के बाद डॉ. रौनक ने सोशल मीडिया पर की मार्मिक पोस्ट में इसका जिक्र भी किया है। पोस्ट में उन्होंने यह भी लिखा कि श्री विजय जी , उज्जैन के एक बेहद सुलझे हुए संगीतकार, मेरा मित्र जो हर छोटी से छोटी बीमारी मुझसे पूछते थे आज बिना पूछे, बिना कॉल किए हमें छोड़ दुनिया को अलविदा कह गए। मां जो अपने जिगर के टुकड़े से लिपटी जा रही थी, दीदी को बार बार मुझसे आग्रह कर रही थी किसी तरह विजय को उठाओ। सभी साथियों से आग्रह है कि कभी भी कितनी भी बजे आप सभी को कुछ भी परेशानी हो चाहे छोटी से छोटी ही क्यों ना हो आप तुरंत 7987868218 नंबर पर कॉल करें। संकोच ना करे जान अनमोल हैं खासकर आपके परिवार के लिए। और हां एक डिस्प्रीन की गोली हमेशा अवश्य साथ में रखें।
युवाओं में भी हृदयघात, सचेत हों
शहर में लगातार ऐसी घटना हो रही है जिसमें या तो युवा या व्यवस्थित दिनचर्या जिने वाले भी हृदयघात का शिकार हो रहे हैं। कुछ महीने पूर्व भाजपा ग्रामिण प्रवक्ता ३० वर्षीय पंकज की हार्ड अटैक से मौत हो गई थी। एक युवक को डीजे के पीछे नाचते हुए कार्डिक अटेक आया था। संगीतज्ञ डॉ. विवेक बनसोड की भी हृदयघात से मृत्यू ने सबको अचंभित कर दिया था। इस तरह के हादसे हर उम्र के व्यक्तियों को सचेत होने का इशारा कर रहे हैं। खासकर युवाओं को क्योंकि उन्हें समस्या होने पर भी एकदम कोई लक्षण सामने नहीं आते हैं। वे भी यह सोचकर स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते कि युवा होने से उन्हें कुछ नहीं होगा।
जिला अस्पताल में कराए नि:शुल्क जांच
जिला अस्पताल में संचयी रोग की जांच के लिए नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। कक्ष क्रमांक ८ में एनसीडी सेंटर संचालित होता है। यहां सुबह ८ से दोपहर १ व शाम ५ से ६ बजे तक कोई भी व्यक्ति नि:शुल्क बीपी-शुगर आदि की जांच करवा सकते हैं, चिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं। शहर के साथ ही जिले में भी १२ एनसीडी क्लिनिक व गांवों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में यह सुविधा है।