अधिकारियों की लापरवाही, छात्र परेशान
विक्रम विवि में हर बार अधिकारियों की लापरवाही से छात्रों को परेशान होना पड़ता है। पिछले दो सत्रों से संबद्धता शुल्क की जांच जारी है। विवि प्रशासन करोड़ों का बकाया निकाला है, फिर जांच होती है। इसके बाद मामला आगे बढ़ता जाता है, लेकिन हर बार विद्यार्थियों के परीक्षा फॉर्म रोक दिए जाते हैं। इस कारण छात्रों को काफी परेशानी होती है। अब एक बार फिर छात्रों के परीक्षा फॉर्म रोक लिए गए हैं।
दस्तावेज की जांच नहीं, खुद की संतुष्टि से काम
विक्रम विवि प्रशासन ने उज्जैन के माधव कॉलेज, रतलाम जीडीसी, नीमच और मंदसौर के सरकारी और निजी कॉलेजों के परीक्षा फॉर्म रोके। इसके बाद सभी कॉलेजों के प्रबंधन दस्तावेज लेकर पहुंचे, लेकिन विवि के अधिकारी किसी भी दस्तावेज को मानने के लिए तैयार नहीं है। विवि के अधिकारी निजी फर्म की ऑडिट का हवाला देते हैं। हालांकि मंदसौर के कुछ कॉलेजों के दस्तावेज को लेकर विवि के प्रमुख अधिकारी संतुष्ट हो गए। वहां के परीक्षा फॉर्म ओपन हो रहे हैं। ऐसे में पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सभी कॉलेजों से दस्तावेज बुलाए हैं
माधव सहित कई सरकारी कॉलेजों के प्राचार्य समस्या लेकर आए थे। उनके अनुसार संबद्धता की पूरी फीस जमा है। दस्तावेज भी उलपब्ध है। सरकारी कॉलेजों की प्रक्रिया नियमानुसार होती है। अगर कॉलेज प्रशासन की तरफ फीस जमा हुई और विवि में फीस नहीं है तो यह मामला काफी गंभीर है। सभी कॉलेजों से दस्तावेज लेकर बुलाया है।
आरसी जाटवा, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग