इसके पीछे कारण विक्रम की प्रवेश परीक्षा (डीटीई 2019) की अभी तक तैयारी नहीं है। विवि प्रशासन अभी तक प्रवेश परीक्षा की तैयारी के संबंध में बैठक तक आयोजित नहीं कर पाया है। इधर, जून समाप्त होने को है। कुछ दिन पूर्व एनएसयूआई और कांग्रेस पदाधिकारियों ने कुलपति डॉ बालकृष्ण शर्मा से मिलकर परीक्षाओं में देरी के संबंध में आपत्ति दर्ज करवाई थी। इसके बावजूद विवि प्रशासन अभी तक कोई तैयारी नहीं कर पाया है। कुलसचिव डीके बग्गा का कहना है कि परीक्षाओं की तैयारी के लिए समिति की बैठक जल्द आयोजित होगी। इसके लिए प्रक्रिया प्रचलन में है।
एक साथ होते हैं सभी प्रवेश
प्रदेश के समस्त परंपरागत विश्वविद्यालय में यूजी, पीजी और पीएचडी कोर्स में एक साथ प्रवेश होते हैं। सभी विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश लेट होने की हालत में विज्ञापन में स्थिति स्पष्ट कर देता है, लेकिन विक्रम विवि प्रशासन पीएचडी प्रवेश परीक्षा के संबंध में निर्णय नहीं कर पा रहा है।
बैचलर में रूझान, मास्टर डिग्री सुनसान
विक्रम विवि में अब तक प्रवेश को लेकर जो स्थिति बन रही है। इसके अनुसार सिर्फ बैचलर कोर्स में ही विद्यार्थियों का रूझान दिखाई दिया है। इसमें बीकॉम व बीबीए 380, बीफार्म 205, बीए ऑनर्स 20 शामिल है। इसके अतिरिक्त मास्टर डिग्री कोर्स की स्थिति यह है कि आवेदन संख्या 15 तक कोई भी कोर्स नहीं पहुंचा है। इसमें प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होने वाले एमएससी माइक्रोबॉयोलॉजी और पर्यावरण प्रबंधन में भी 6 और 10 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इधर, जियॉलॉजी की स्थिति यह है कि यहां सिर्फ 2 ही आवेदन आए हैं। बता दें, पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए अंतिम तारीख 29 जून निर्धारित है।