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जमीन पर पड़ा बोलता रहा, मैंने कुछ नहीं किया लेकिन पुलिस के लठ नहीं रूके

locationउज्जैनPublished: Sep 02, 2017 02:13:00 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

एनएसयूआई नेताओं की पीटाई की कहानी – उन्हीं की जुबानी, कांग्रेस के संगठनों ने घेरा एसपी ऑफिस, जल्द कार्रवाई का आश्वान मिला

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जमीन पर पड़ा बोलता रहा, मैंने कुछ नहीं किया लेकिन पुलिस केलठ नहीं रूक नहीं रूके

उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में एनएसयूआई नेताओं के साथ हुई मारपीट की घटना में पुलिस की बबर्रता सामने आना शुरू हो गई। शनिवार सुबह कांग्रेस और सहयोगी संगठनों एसपी ऑफिस का घेराव किया और पुलिस को सबूतों के साथ पुलिस की अनैतिक कार्रवाई की शिकायत की। कांग्रेस नेताओं ने मारपीट करने वाले पुलिस जवानों पर निलंबित करने और प्रकरण दर्ज करने की मांग की। बता दे कि शुक्रवार दोपहर विक्रम विवि कैम्पस स्थित कैंटिन में चाय पी रहे एनएसयूआई नेताओं को पुलिस ने बेहरमी के साथ पीटा और थाने में बंद कर दिया। इसके बाद पुलिस ने दोनों छात्र नेताओं पर १५१ के तहत कार्रवाई की दी।
मैंने बोला, केक खा लीजिए, वह लाठी से पिल पड़े
जन्मदिन होने पर सहपाठियों के बुलाने पर मैं विश्वविद्यालय कैंटिन पर गया। कुछ देर बात ही दो जवान बुलाने के लिए पहुंचे। जवानों ने कहा कि एसआई साहब बुला रहे है। मैंने कहा कि वह भी केक खाने आ जाएं। नहीं तो हम कुछ देर में आ रहे है। थोड़ी देर बाद ही पुलिस की गाड़ी आकर रूकी। इसमें से ८ से १० पुलिस जवान नीचे। एसआई महेंन्द्र ने जवान से लठ लिया और मारना शुरू कर दिया। मैंने कारण पूछा, तो गाली देते हुए लठ मारना शुरू रखा। मैं भागा और गिर पड़ा। पुलिस वालों ने मुझे करीब ५० से ज्यादा लठ मारे।
जैसा घायल अंबर माथुर ने बताया।
रविवार ३ बजे तक होगा कार्रवाई का निर्णय
कांग्रेस और सहयोगी संगठनों के बैनर तले शनिवार दोपहर ११ बजे एसपी ऑफिस का घेराव किया गया। यहां पर कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन पर मिली भगत के आरोप भी लगाए। इसके बाद एडिशनल एसपी ज्ञापन लेने पहुंचे। उन्होंने कहा कि सभी साक्ष्य के आधार पर जांच जारी है। रविवार दोपहर ३ बजे तक निर्णय कर लिया जाएगा। ज्ञापन देने वालों ने आरोपी पुलिस एसआई महेंद्र महाश्रे और अन्य को निलंबित करने की मांग की है।

मैंने पूछता रहा… हमारा कसूर क्या, किया क्या, पुलिस वाले मारते रहे

मैं कैंटिन पर चाय पी रहा था। पहले बइाक दे दो पुलिस वाले आएं। फिर एक पूरी गाड़ी पुलिस जवानों की आई। उन्होंने सीधे सभी लड़कों पर मारपीट करना शुरू कर दी। उनका निशाना मैं और अंबर थे। मैं लगातार उनसे पूछता रहा कि हमारा कसूर क्या है। हम लोगों ने किया क्या है, लेकिन उन्होंने एक बात नहीं सुनी। पुलिस के कई जवान हम पर एक साथ लाठी से वार किए जा रहे थे। इसके बाद उन्होंने हमे उठा और गाड़ी में डालकर थाने ले आएं। यहां पर भी पुलिस वालों ने हमे बंद करके काफी पीटा।
जैसा घायल प्रीतेश शर्मा ने बताया।

न्यायालय की लेंगे मदद : कांग्रेस
छात्रों के साथ मारपीट की घटना पर के बाद आरोपी जवानों पर प्रकरण दर्जन करने की कांग्रेस ने की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता योगेश शर्मा का कहना है कि विद्यार्थी अपनी समस्या के लिए आंदोलन करते है। लेकिन बिना आंदोलन के ही विद्यार्थियोंय को इतनी बेहरमी से पीटना। पुलिस की कार्यप्रणाली सवाल खड़े करता है। अभी हमने कार्रवाई के लिए ज्ञापन दिया है। अगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। तो कांग्रेस के लिए न्यायालय के रास्ते खुले है।

छात्रों की तरफ साक्ष्य प्रस्तुत किए
घटना के दौरान विद्यार्थियों के बेकसूर होने और पुलिस की बर्बरता के साक्ष्य छात्रों की तरफ से पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्तुति किए गए। इनमें घटना से संबंधित वीडियो और फोटा शामिल है।
१. कुलपति बंगले पर हुए प्रदर्शन से घायल छात्रों का कोई लेना-देना नहीं।
२. प्रदर्शन होने के बाद सभी लोगों की तरह यह भी मौके पर पहुंचे।
३. पुलिस के दो जवान कैंटिन पर इन्हें बुलाने के लिए पहुंचे।
४. कार उसे उतरते हुए और डंडा लेकर विद्यार्थियों की तरफ बढ़ते हुए।
५. प्रदर्शन खत्म हो चुका। कैंटिन पर पुलिस जवानों को जाने की जरूरत क्या पड़ी।

पुलिस प्रकरण भी सवालों के घेरे में
पुलिस ने विद्यार्थियों के साथ मारपीट की और १५१ में प्रकरण दर्ज कर लिया। अब पुलिस की कार्रवाई पर ही कांग्रेस ने सवाल खड़ा कर दिया है। पुलिस की पूरी कहानी को साक्ष्यों से झूठा साबित करते हुए। पुलिस ने प्रकरण को भी झूठा बताया है और विद्यार्थियों पर झूठा प्रकरण हटाने की मांग की है।

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