महाकाल मंदिर का वीआईपी गेट, कहने को यहां से वीवीआईपी गुजरते हैं, लेकिन गुटका-पाउच के रेपर और गंदगी के बीच ही वे यहां से निकलने को मजबूर हैं। लगता है मंदिर प्रशासन इस छोटे से कार्य के लिए भी बजट बनाएगा, फिर सफाई करेगा।
उज्जैन. महाकाल मंदिर का वीआईपी गेट, कहने को यहां से वीवीआईपी गुजरते हैं, लेकिन गुटका-पाउच के रेपर और गंदगी के बीच ही वे यहां से निकलने को मजबूर हैं। लगता है मंदिर प्रशासन इस छोटे से कार्य के लिए भी बजट बनाएगा, फिर सफाई करेगा।
करोड़ों की आय वाले महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। तड़के 4 बजे होने वाली भस्म आरती के लिए कतारबद्ध दर्शनार्थी इसी गेट से अंदर प्रवेश करते हैं। मंदिर के अन्य हिस्सों की बात तो छोडि़ए, मुख्य इंट्री गेट पर ही सबसे पहले उनका सामना यहां पसरी गंदगी और पाउच-गुटकों के रेपर से होती है। सफाई के नाम पर यहां सिर्फ डीडीटी ही छिड़की जाती है।