सीनियर सिटीजन ने संभाली कमान
कोठी रोड पर मॉनिक वॉक के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इसमें अधिकांश सीनियर सिटीजन व फैमिली के साथ पहुंचने वाले हैं। इन्हीं लोगों के बीच हुड़दंग करने वाले युवा भी पहुंच जाते है। यह लोग रोड पर आवारागर्दी करते हैं। इन्हें रोकने के लिए कई बार प्रयास हुए, पुलिस की तैनाती की। नो व्हीकल के चलते बैरिकेड्स लगाए, लेकिन सभी व्यवस्था फेल हो गई। वर्तमान में कुछ सीनियर सिटीजंस ने युवाओं को यातायात के नियम बताने की कमान संभाली हुई है, जो विक्रम विवि कुलसचिव के बंगले के सामने खड़े हो जाते हैं। सुबह के समय जो भी बाइक वाला आता है। उसकी गाड़ी बंद करवा कर विक्रम वाटिका वाले मार्ग से भेज दिया जाता है, लेकिन यह भी एक हिस्से में जारी है। साथ ही कब तक यह लोग व्यवस्था संभालेंगे, यह भी तय नहीं है।
यह व्यवस्था हुई फेल
-सुबह और शाम के समय कोठी रोड को नो-व्हीकल जोन बनाया गया, लेकिन कोई मानता नहीं है।
यातायात पुलिस द्वारा तरणताल और पूर्व सांसद चिंतामणि मालवीय के निवास के सामने बैरिकेड्स लगाने की व्यवस्था की जाती है, लेकिन यह भी कभी भी गायब हो जाते हैं।
पुलिस का चेकिंग अभियान हमेशा किसी घटना व अधिकारी के निर्देश के बाद चलता है। चंद दिन बाद बंद और फिर पुरानी स्थिति हो जाती है।
यह भी विवाद का कारण
-कोठी के सामने दोनों तरफ सुबह के समय क्रिकेट मैच खेला जाता है। इस कारण वॉक करने वालों को कई बार गेंद लग जाती है। साथ ही कोठी के सामने वाले हिस्से में इन क्रिकेटरों की भीड़ के साथ हंगामा भी मुसीबत का कारण है।
-कोठी रोड पर कुछ बच्चों को स्कैटिंग सिखाई जाती है। यह बच्चे पैर में पहिए लगाकर रोड पर फर्राटा भरते हैं। दूसरी तरफ वॉक करने वालों के साथ बाइकर्स तक रोड पर ही रहते हैं। इस कारण भी इन बच्चों पर खतरा बना रहता है।
शाम को युगलों के हवाले कोठी
कोठी रोड पर सुबह के समय ज्यादा समस्या नहीं है, लेकिन शाम के समय कालिदास के पास लगने वाली चौपाटी से लेकर कोठी तक युगलों का कब्जा रहता है। यह लोग अंधाधुंध बाइक भगाकर एक-दूसरे को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। इस कारण हादसे होते हैं। इसी के साथ इन युगलों के लिए कोठी रोड के बाद विक्रम विवि कैम्पस अड्डा बन जाता है, क्योंकि यहां पर सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त है। इस कारण जाम झलकाने पर कोई रोकने वाला भी नहीं है।
कलेक्टर उतरे थे कार्रवाई के लिए
कोठी रोड पर कलेक्टर बंगले के साथ पांच बंगलों में प्रशासनिक व न्यायिक अधिकारी रहते है। विवि के बंगलों में भी कई पुलिस अधिकारी रहते है। इसके बावजूद उक्त रोड पर बाइकर्स का हंगामा जारी रहता है। पूर्व कलेक्टर कविंद्र कियावत एक बार खुद इन लोगों को समझाइश देने के लिए सड़क पर उतरे। इन बाइकर्स को रोक-रोक कर समझाया और पुलिस ने चालान भी बनाए।