बारिश का मौसम हमें सालभर का पानी देकर जाता है। इसके बावजूद अमूमन हर गर्मी में शहर को छोटे-बड़े जलसंकट की स्थिति से गुजरना पड़ता है। हर साल की परेशानी का बड़ा कारण वर्षा जल को पर्याप्त मात्रा में नहीं सहेजना है। विशेषज्ञों के अनुसार रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग के जरिए यदि हम अपने घर की छत पर आने वाले बारिश के पानी को ही जमीन के अंदर तक पहुंचा दें तो चार महीने में सालभर का पानी आसानी से स्टोर कर सकते हैं। जरूरत सिर्फ एक छोटी-सी पहल करने की है।
एक सेंटीमीटर बारिश में ही सामान्य छत देती है एक हजार लीटर पानी
बारिश का पानी सहेजने के लिए घर की छत एक बड़े पात्र के रूप में उपयोग की जा सकती है। आंकलन अनुसार एक हजार वर्ग फीट बड़ी छत पर यदि एक सेंटीमीटर बारिश भी होती है तो रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से एक हजार लीटर पानी संग्रहित किया जा सकता है। उज्जैन में औसत ३६ इंच से अधिक बारिश होती है। इस लिहाज से बारिश के एक सीजन में एक हजार वर्ग फीट बड़ी छत से लगभग एक लाख लीटर पानी संग्रहित हो सकता है। ऐसे में यदि शहर में एक हजार वर्ग फीट या इससे बड़ी छतों के सभी भवनों पर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाए तो बचत आंकड़ा ४ अरब लीटर से अधिक पहुंच जाएगा।
पानी संग्रहण जरूरी क्योंकि ५१ फीट नीचे जा चुका जलस्तर
इस वर्ष मई में जिले का जलस्तर चिंता बढ़ाने वाला था। जिले का औसत भू-जल स्तर १५.५८ मीटर या नी ५१ फीट से अधिक नीचे जा चुका है। जिले में ऐसा कोई भी ब्लॉक नहीं है जहां भू-जल स्तर१४ मीटर से कम हो। जिले की यह स्थिति भविष्य के बड़े खतरे का संकेत हैं। ऐसे में वॉटर होर्वस्टिंग के विभिन्न तरीकों से बारिश के पानी को सहेजना और भी जरूरी हो गया है।
जिले में कहां कितनी नीचे पहुंचा पानी
ब्लॉक भू-जल स्तर
बडऩगर १६.६५
उज्जैन १५.००
घट्टिया १५.५०
महिदपुर १५.७५
खाचरौद १५.७६
तराना १४.८०
(आंकड़े मीटर में, स्थिति मई माह की)