लंबे समय से देवासगेट बस स्टैंड से इंदौर-देवास की बसें चलाने को लेकर संघर्षरत अरुण वर्मा का कहना है कि पुराने शहर की दो लाख से ज्यादा आबादी के लिए देवासगेट सबसे मुफीद है। यहां से इंदौर व देवास की बसों का संचालन बंद कर दिया। यात्री परेशान होते हैं, ज्यादा राशि खर्च कर नानाखेड़ा जाने को मजबूर हैं, लेकिन लोगों की पीड़ा हमारे जनप्रतिनिधि समझने को तैयार नहीं है। इस चुनाव में देवासगेट बस स्टैंड भी बड़ा मुद्दा रहेगा। बस स्टैंड में दुकान संचालित करने वाले राजकुमार झांझोट बोलते हैं बस स्टैंड भवन 30 साल पहले जैसा था अब भी वैसा ही है। यहां बिल्डिंग को रंगभर पोत दिया है। महिला प्रतीक्षालय बनाया है लेकिन सुरक्षा नहीं है, पुरुष बैठते हैं। व्यापारी राघवसिंह चौहान बोलते हैं कि सफाई सिर्फ दिखावे की है। शौचालय या नालियों की स्थिति देख लेंगे तो बदबू से परेशान हो जाएंगे। व्यापारी लव खंडेलवाल कहते हैं कि सिंहस्थ के क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण हुआ लेकिन इसके अलावा क्षेत्र में कोई बड़ा विकास काम नहीं हुआ। देवासगेट क्षेत्र में देखिए दिनभर ट्रैफिक की रेलमपेल मची रहती है। इसे सुधारने के ठोस उपाय नहीं किए।
राकेश सोलंकी बताते हैं आप रेलवे स्टेशन जाइए, यहां गेट पर मैजिक खड़ी रहती है, सालों से समस्या है लेकिन नहीं सुधरी। मनोज शांडिल्य का कहना है कि देवासगेट क्षेत्र में माधव कॉलेज भी है, यहां बड़ा खेल मैदान है लेकिन न कॉलेज की ओर से न ही नेताओं ने इस दुरस्त करने की जहमत उठाई। बारिश में चार महीने मैदान बंद रहता है। अनिल भाटी बताते हैं कि चामुंडा माता चौराहा दुर्घटना जोन बनता जा रहा है। यहां यातायात सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। मालीपुरा निवासी अनुपम गेहलोत का कहना है कि दौलतगंज सब्जी मंडी नई बनना थी आज तक कुछ नहीं हुआ। जाम से लोग परेशान हैं।
हर बड़ा संस्थान फिर भी विकास से अूछता
देवासगेट क्षेत्र शहर का एक मात्र ऐसा इलाका है, जहां पर अस्पताल, कॉलेज, डाक विभाग, बीएसएनएल, बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन, पशु अस्पताल, मालीपुरा और दौलतगंज सब्जी मंडी महज डेढ़ से दो किमी के बीच में है। यहां अमूमन शहर के हर व्यक्ति को इस क्षेत्र में आना जाना लगा रहता है।
यह मुद्दे, जिनका हो निराकरण
रेलवे स्टेशन पीछे की ओर जमीन अधिग्रहण कर पार्किंग सुविधा बढ़ाई जाए।
फ्रीगंज ब्रिज को नए सिरे से बनाकर इसे टू-लेन किया जाए।
देवासगेट से इंदौर वे देवास की बसें फिर से शुरू की जाए। इसे सेंट्रल बस स्टैंड के रूप में विकसित करें।
माधव कॉलेज के खेल मैदान को खेलने योग्य बनाए जाए।
बस स्टैंड पर बसों के लिए निर्धारित स्थान के साथ ही इन्हें स्टैंड छोड़ते ही कहीं ओर रुकने की अनुमति न दी जाए।
क्षेत्र में दुकानों के अतिक्रमण को हटाकर यहां वाहनों की पार्किंग के लिए लाइनिंग डाली जाए।
क्षेत्र में निश्चित संख्या में ठेले खड़े हो और इनका स्थान भी निश्चित किया जाए।