अवैध कॉलोनी की शिकायत की तो अधिकारी ने युवक को बंधक बनाया!
उज्जैनPublished: May 26, 2023 02:29:39 am
सीएम हेल्पलाइन शिकायतों में खेल, मामला सामने आने के बाद कॉलोनाइजर के खिलाफ अतिक्रमण का केस दर्ज किया


अवैध कॉलोनी की शिकायत की तो अधिकारी ने युवक को 'बंधकÓ बनाया!
उज्जैन. सीएम हेल्पलाइन में जिले को अव्वल लाने के लिए नया खेल सभी विभागों में तेजी से चल रहा है। ऐसे ही खेल का एक मामला सामने आया। इसमें अवैध कॉलोनी की शिकायत करने वाले युवक और उसके साथी को प्रशासनिक अधिकारी ने कार्यालय में बुलाकर बंधक सा बना लिया और शिकायत हटाने के लिए दबाव बनाया। शिकायत वापस नहीं करने के बदले उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की धमकी दे डाली और पोर्टल से शिकायत हटवा दी। मामला सामने आया तो शिकायत पर कार्रवाई हुई और कॉलोनी काटने वाली संस्था संचालक के खिलाफ अतिक्रमण का केस दर्ज कर नोटिस दिया है।
इनको बैठाए रखा
तहसीलदार ने कार्यालय में शिकायतकर्ता के साथी को पुलिस कर्मी के हवाले कर बैठा दिया और कहा कि शिकायतकर्ता को बुला और पोर्टल से शिकायत हटाओ नहीं तो तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई होगी। इस दौरान उसने वीडियो भी बनाया। करीब दो घंटे उसे कार्यालय बैठाए रखा।
यह है पूरा मामला
सोनू पलैया निवासी राजीव आदर्श नगर ने ७ मार्च को सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी कि ग्राम पंचायत मानपुरा विद्यानगर आवास गृह निर्माण संस्था द्वारा विनय नगर कॉलोनी काटी जा रही है। जो अवैध और शासकीय जमीन पर कब्जा कर काटी जा रही है। कॉलोनी की ना तो टीएनसी परमिशन है और न ही निगम की ओर से परमिशन ली गई। शिकायतकर्ता सोनू पलैया का कहना है कि उसने अपने साथी विशाल शाक्य को इस मामले में अधिकारी से शिकायत की कार्रवाई के संबद्ध में जानकारी लेने को कहा था। विशाल ने तहसीलदार को फोन लगाकर जानकारी मांगी तो उसे कार्यालय बुलाकर बैठा लिया गया और शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया। साथ ही शिकायत वापस नहीं लेने की स्थिति में एफआइआर दर्ज करने की धमकी दी और दूसरे दिन शिकायत कर्ता को कार्यालय बुलाकर शिकायत सीएम हेल्पलाइन पोर्टल से हटा दी। सोनू पलैया का कहना है कि शिकायत पोर्टल से हटाने के बाद उन्हें रिपोर्ट भी नहीं सौंपी गई।
संस्था पर अतिक्रमण
में केस सीमांकन कर नोटिस भेजा
इधर तहसीलदार लोकेश चौहान का कहना है कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए आरोप गलत हैं। उसकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए संस्था के खिलाफ अतिक्रमण का केस दर्ज किया है। सीमाकंन करा कर नोटिस भेजा है। अगर जांच में संस्था के कर्ताधर्ता दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिकायत कर्ता द्वारा गलत आरोप लगाए गए हैं।