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मंत्री ने जब अफसरों की खोली पोल, पसीना-पसीना होते रहे

locationउज्जैनPublished: Aug 28, 2019 12:27:21 am

Submitted by:

rishi jaiswal

कृषि मंडी में मंत्री का औचक निरीक्षण : पार्षद के घर नाश्ता करते हुए खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री अचानक कृषि मंडी पहुंचे, कार्यालय पहुंचे तो ताला मिला, रेकॉर्ड में ३३ बोरी कम मिलने पर जांच के आदेश

मंत्री ने जब अफसरों की खोली पोल, पसीना-पसीना होते रहे

कृषि मंडी में मंत्री का औचक निरीक्षण : पार्षद के घर नाश्ता करते हुए खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री अचानक कृषि मंडी पहुंचे, कार्यालय पहुंचे तो ताला मिला, रेकॉर्ड में ३३ बोरी कम मिलने पर जांच के आदेश

उज्जैन. मप्र नागरिक आपूर्ति एंव उपभोक्ता संरक्षण मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को उनके विभाग के अधिकारियों ने ही उन्हे अंधेरे में रखने की कसर नहीं छोड़ी। जिस अनाज को अमानक बताकर एफसीआई ने लेने से इनकार कर दिया, मंत्री के सामने अधिकारी उसे अच्छा बताते रहे। जब मंत्री ने गोदाउन खुलवाकर बोरों से अनाज निकालकर दिखाया तब अधिकारियों ने माना कि अनाज एफएक्यू ( तय मानक स्तर) का नहीं है। मंत्री तोमर ने जांच के लिए अनाज का सैंपल लेने के साथ ही पंचनामा बनवाया है।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर ने मंगलवार को कृषि उपज मंडी स्थित मप्र वेयर आउस कार्पोरेशन के कार्यालय और गोदाउन पर छापा मार कार्रवाई की। इसमें कई बड़ी अनियमितताएं उजागर हुईं। निरीक्षण के दौरान गेहूं की सैकड़ों बोरियां एफसीआई द्वारा लौटाने की जानकारी मिली। मंत्री ने अधिकारियों से पूछा, जब समिति ने एफएक्यू के आधार पर ग्रेडिंग कर गेहूं लिया था तो फिर एफसीआई ने इसे अमानक स्तर का नहीं बताकर क्यों लौटा दिया है। अधिकारी ने जवाब दिया कि हमने तो अच्छा गेहूं ही भेजा था। इस जवाब पर मंत्री तोमर गोदाउन में रखे उक्त लौटाए गेहूं को देखने पहुंच गए। मंत्री ने ही तीन-चार बोरो में से गेहूं निकाले। गेहूं की क्वालिटी कमजोर होने के साथ ही इसमें कचरा व छिलके निकले।
लापरवाही पर अफसरों को फटकारा
मंत्री ने डीएमओ राकेश हेड़ाऊ को गेहूं दिखाते हुए पूछा, क्या यह एफएक्यू है। डीएमओ ने जवाब दिया, इस बोरी का तो गेहूं एफएक्यू नहीं है। मंत्री ने कुछ अन्य बोरियों से गेहूं निकालकर फिर वही सवाल किया। अधिकारियों के इंकार करने पर मंत्री ने कहा, फिर समिति ने एफएक्यू बताकर साइन कैसे किए, कैसे यह माल गोदाउन में आया। उन्होंने अधिकारियों पर खासी नाराजगी जताते हुए कहा, एेसे सौ कट्टे यहां से निकाल सकता हूं। मुझे सब पता है कि एेसा गेहूं क्यों खरीदा जा रहा है, बड़ी समझदारी से आप लोग साइन करवा लेते हो। उन्होंने गेहूं का सैंपल जांच के लिए भिजवाने के साथ ही जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी एमएल मारू को पंचनामा बनवाने के निर्देश दिए।
रजिस्टर में पेंसिल से एंट्री, हस्ताक्षर भी नहीं
निरीक्षण में मंत्री रेकार्ड में बड़ी अनियमितताएं मिली। स्टाक पंजी में पेंसिल से स्टाक दर्ज किया गया था। वर्ष 2018-19 के डिपाजिट पंजी व एसआर पंजी में गेहूं की 33 बोरी का अन्तर मिला। पंजियों में किसी भी सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे। पंजी की जांच में 9 जुलाई 2018 के बाद ऑडिट नहीं होना भी पाया गया और रेकार्ड अधूरे मिले। तोमर ने सम्बन्धित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जांच के निर्देश दिये। खाद्य मंत्री ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर उन्हें जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। जांच कमेटी में जिला आपूर्ति नियंत्रक, नागरिक आपूर्ति निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक व उज्जैन तहसीलदार रहेंगे।
गेहूं में कीड़े, बोरियां भीगीं
वेयर हाउस में गेहूं की कुछ बोरियां पानी से भीगी पाई गईं वहीं कुछ में कीड़े मिले। पूछने पर कर्मचारियों ने दवा छीड़कने का हवाला दिया। रिकार्ड दिखाकर बताया गया कि १७ जुलाई और फिर २४ अगस्त को दवाई डाली गई थी। इस पर मंत्री ने सवाल किया कि जब दवा डाली गई है तो फिर अनाज में कीड़े कैसे लग रहे हैं।
कार्यालय पर ताला, टेबल पर कचरा
मंत्री तोमर सुबह बाबा महाकाल की भस्मारती में शािमल हुए। इसके बाद वे पार्षद बीनू कुशवाह के घर पहुंंचे और नाश्ता करने के दौरान ही आकस्मिक निरीक्षण का निर्णय लिया। सुबह १० बजे वे कुशवाह के साथ मंडी परिसर स्थित वेयर हाउस के कार्यालय पहुंच गए। इस समय तक कार्यालय के ताले भी नहीं खुले थे। सूचना मिलने पर ताबड़तोड़ कर्मचारी ने कार्यालय पहुंच ताला खोला।
बिना सूचना डिस्ट्रिक्ट मैनेजर गायब

निरीक्षण के दौरान नान के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर एसएन माहेश्वरी नदारद थे। पूछने पर पता चला कि वे उपलब्ध नहीं हैं और इसकी कोई पूर्व सूचना भी विभाग को नहीं है। मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। हालांकि कुछ समय बाद माहेश्वरी मौके पर आ गए थे।
अव्यवस्थित रैक देख भड़के, फटकार लगाई
गोदाउन में चावल के कट्टों के रैक अव्यवस्थित पाए गए। मंत्री ने कहा, जब एक रैक खत्म होने के बाद दूसरे रैक के कट्टे उपयोग किए जाना चाहिए तो फिर यह रैक बेतरतीब क्यों हैं। इसको लेकर अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी ढोलते रहे। वेयर हाउस के ब्रांच मैनेजर अनिल केथवास ने श्रमिकों द्वारा व्यवस्थित रेक खाली नहीं करने और इसकी शिकायत संबंधित अधिकारी को करने का हवाला दिया। मंत्री ने शिकायत की कॉपी मांगी तो उन्होंने कहा, आजकल मोबाइल पर ही सब हो जाती। मंत्री ने नाराज होते हुए कहा, नियम क्यों बने हैं, यदि परेशानी है तो नियमों में छूट ली जाए, अपने मन से नियम बनाना बंद करो।
व्यापारियों ने की लंबित भुगतान की मांग
शासन से भुगतान नहीं होने पर पूर्व में अनाज लोडिंग-अनलोडिंग के लिए व्यापारियों ने हम्मालों को अपनी ओर से भुगतान किया था। यह राशि २० लाख रुपए है। व्यापारियों को शासन द्वारा उक्त राशि लौटाने का कहा गया था लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ। मंडी व्यापारियों ने मंत्री से इसकी शिकायत कर राशि आवंटित करवाने की मांग की है। इसी तरह हम्माल व तुलावटियों ने भी बारिश में सरकारी गोदाउन की जगह अन्य वेयर हाउस से माल उठवाने और इससे उन्हें रोजगार का नुकसान होने की शिकायत की।
जांच समिति बनाई है, कार्रवाई करेंगे
वेयर हाउस स्टॉक, रेकार्ड आदि का निरीक्षण किया है। अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए हैं। अनियमितताएं मिली हैं व जांच में जो अनिमियमितताएं पाई जाएंगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– प्रद्युम्न सिंह तोमर, मंत्री खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण

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