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शौचालय निर्माण पूरा हुआ तो पता चला योजना हो चुकी बंद

locationउज्जैनPublished: May 28, 2018 08:19:05 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

राशि के लिए एक वर्ष से कर रहे इंतजार

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शौचालय निर्माण पूरा हुआ तो पता चला योजना हो चुकी बंद

अंधेरगर्दी………….
नागदा। शौचालय निर्माण करना ग्राम लसुडिय़ा जयसिंह के ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। कारण ग्राम के २५ लोगों को शौचालय निर्माण के बाद अनुदान राशि का भुगतान नहीं होना है। विड़बना यह है, कि सरपंच व सचिव द्वारा भेजी जाने वाली ओडीएफ रिपोर्ट में ग्राम में करीब ४५० शौचालय निर्माण होना बताया गया है। आश्चर्य की बात यह है, कि योजना को बंद हुए करीब ६ माह बीत चुके हैं, बावजूद ग्राम सचिव द्वारा ग्रामीणों को शौचालय निर्माण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। दरअसल करीब ५०० की आबादी वाले ग्राम लसुडिय़ा जससिंह में पंचायत द्वारा घर-घर शौचालय निर्माण करवाएं गए। योजना अनुसार आधी आबादी को १२००० रुपए की अनुदान राशि मिल गई। लेकिन ग्राम के २५ लोगों को अनुदान राशि नहीं मिल सकी। पीडि़त लोगों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत किए जाने के बाद पता चला, कि उनका नाम सूची में अंकित ही नहीं है। वरन ग्राम ओडीएफ घोषित हो चुका है।
एक वर्षपूर्व हो चुका है निर्माण
योजना की राशि प्राप्त नहीं होने वाले ग्रामीणों द्वारा शौचालय निर्माण एक वर्षपूर्व किया गया था। सरपचं व सचिव द्वारा शौचालय निर्माण की राशि दिलवाने के लिए ग्रामीणों से सभी दस्तावेज लिए गए, लेकिन उन्हें जनपद पंचायत खाचरौद में प्रस्तुत नहीं किया गया। दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं किए जाने से ग्राम २५ ग्रामीणों को योजना की राशि नहीं मिल सकी है। ग्राम के राहुल आंजना, भारत बाघेला, सेवाराम गुगली, चंदर चौहान, जसवंत आंजना, ईश्वर सिंह, कमलसिंह समेत ढेड़ दर्जन ग्रामीणों के शौचालय बन चुके है, लेकिन पंचायत सचिव की लेतलाली के चलते उन्हें योजना की राशि का भुगतान नहीं हो सका है।
भुगतान के आदेश में लेतलाली
बता दें, कि स्वच्छ भारत ग्रामीण शौचालय योजना के अंतर्गत वर्ष २०१७ तक के सूचीबद्ध हितग्राहियों को राशि के भुगतान के आदेश जारी हो चुके हैं, लेकिन अफसरों की लेतलाली के चलते ग्रामीणों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर शौचायल निर्माण योजना में बदलाव करते हुए ग्रामीणों को अब प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उक्त योजना में मकान बनाए जाने पर ग्रामीणों को शौचायल निर्माण की राशि का भुगतान किया जाएगा।
आगे क्या
जनपद अफसरों के अनुसार स्वच्छ भारत ग्रामीण शौचायल निर्माण योजना के अंतर्गत शौच बनाने वाले हितग्राहियों को मनरेगा या रोजगार गारंटी के अंतर्गत राशि का भुगतान किया जाएगा। शौचालय की राशि ग्रामीणों द्वारा किए गए निर्माण की वैल्युशन के आधार पर किया जाएगा। हालांकि वैल्युशन कब से शुरूहोगी इस प्रकार की अधिकारिक सूचना ग्रामीणों को नहीं है।

ग्रामीणों की पीड़ा उनकी जुबानी
निर्माण पूरा, लेकिन भुगतान नहीं
ग्राम लसुडिय़ा के राहुल आंजना ने एक वर्ष पूर्वशौचालय निर्माण किया था। आधा निर्माण पूरा होने के बाद ही आंजना ने तत्कालीन सरपंच से योजना की राशि का भुगतान करवाने का अनुरोध किया था। परेशानी यह है, कि शौचालय पूरा बन जाने के बाद भी राशि का भुगतान नहीं हो सका है।

ऐसी योजना किस काम की
पूर्ण रुप से कृषि कार्यों पर निर्भर रहने वाले चंदर चौहान ने वर्ष २०१७ में ही शौचालय निर्माण पूरा कर लिया। निर्माण संबंधित दस्तावेज सरपंच को प्रस्तुत करने पर सरपंच द्वारा निर्माण साम्रगियों के जीएसटी बिल मंगवाएं। सभी प्रकार की कागजी कार्रवाई करने के बाद भी खातों में राशि आज तक नहीं पहुंची।


योजना बंद तो सूचना क्यों नहीं
यशवंत आंजना को मलाला इस बात का नहीं है, कि उन्हें स्वच्छ भारत ग्रामीण शौचालय योजना की राशि १२००० रुपए का भुगतान नहीं हो सका है। आंजना को दुख इस बात का है, कि सरपंच द्वारा उन्हें सूचना नहीं दी गई, कि योजना बंद हो चुकी है। इतना ही नहीं ग्राम सचिव द्वारा भेजी जाने वाली सूची में हितग्राहियों के नाम नहीं भेजे गए।


शिकायत का असर नहीं
भारत बाघेला ने राशि के भुगतान के लिए सीएम हेल्पलाइन, जनपद पंचायत खाचरौद व अन्य संबंधितों को शिकायत की, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। बाघेला का तर्क है, कि यदि योजना अधिक समय तक नहीं चल सकती तो उसका कियान्वयन क्यों। इतना ही नहीं खाचरौद जनपद में जानकारी मांगे जाने पर अफसरों द्वारा उन्हें सरपंच के पास ही भेजा जाता है

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