ग्रामीणों की पीड़ा उनकी जुबानी
निर्माण पूरा, लेकिन भुगतान नहीं
ग्राम लसुडिय़ा के राहुल आंजना ने एक वर्ष पूर्वशौचालय निर्माण किया था। आधा निर्माण पूरा होने के बाद ही आंजना ने तत्कालीन सरपंच से योजना की राशि का भुगतान करवाने का अनुरोध किया था। परेशानी यह है, कि शौचालय पूरा बन जाने के बाद भी राशि का भुगतान नहीं हो सका है।
ऐसी योजना किस काम की
पूर्ण रुप से कृषि कार्यों पर निर्भर रहने वाले चंदर चौहान ने वर्ष २०१७ में ही शौचालय निर्माण पूरा कर लिया। निर्माण संबंधित दस्तावेज सरपंच को प्रस्तुत करने पर सरपंच द्वारा निर्माण साम्रगियों के जीएसटी बिल मंगवाएं। सभी प्रकार की कागजी कार्रवाई करने के बाद भी खातों में राशि आज तक नहीं पहुंची।
योजना बंद तो सूचना क्यों नहीं
यशवंत आंजना को मलाला इस बात का नहीं है, कि उन्हें स्वच्छ भारत ग्रामीण शौचालय योजना की राशि १२००० रुपए का भुगतान नहीं हो सका है। आंजना को दुख इस बात का है, कि सरपंच द्वारा उन्हें सूचना नहीं दी गई, कि योजना बंद हो चुकी है। इतना ही नहीं ग्राम सचिव द्वारा भेजी जाने वाली सूची में हितग्राहियों के नाम नहीं भेजे गए।
शिकायत का असर नहीं
भारत बाघेला ने राशि के भुगतान के लिए सीएम हेल्पलाइन, जनपद पंचायत खाचरौद व अन्य संबंधितों को शिकायत की, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। बाघेला का तर्क है, कि यदि योजना अधिक समय तक नहीं चल सकती तो उसका कियान्वयन क्यों। इतना ही नहीं खाचरौद जनपद में जानकारी मांगे जाने पर अफसरों द्वारा उन्हें सरपंच के पास ही भेजा जाता है