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कहां गायब हुआ पौराणिक तालाब… नक्शा लेकर तलाश रहे निगम अधिकारी

locationउज्जैनPublished: Dec 07, 2017 12:27:30 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

पौराणिक नीलगंगा तालाब….नजुल नक्शे में तालाब १० बीघा में, मौजूदा स्थिति में ४ बीघा ही बचा

patrika

कहां गायब हुआ तालाब… नक्शा लेकर तलाश रहे निगम अधिकारी

उज्जैन. पौराणिक नीलगंगा तालाब के बीच एरन की रिटर्निंग वॉल व एक भाग में भराव के मामलें में नए तथ्य प्रकाश में आए हैं। निगम को जानकारी मिली है कि टीएनसीपी से स्वीकृत लेआउट में गड़बड़ी व दस्तावेजी हेरफेर कर तालाब भूमि पर विवेकानंद के प्लॉट होना दर्शा दिए गए। इसी आधार पर श्याम गृह निर्माण संस्था के कर्ताधर्ताओं ने प्लॉटों की रजिस्ट्रियां कर दी। औने-पौने दाम में इस विवादित जगह के सौदे हुए हैं, लेकिन अब भराव विवादों में पडऩे पर ये खेल उजागर होने लगा है।
नजुल रिकॉर्ड अनुसार नीलगंगा सरोवर १० बीघा क्षेत्रफल में है, लेकिन आसपास हुए अतिक्रमण व निर्माणों के चलते इसका क्षेत्रफल करीब ४ बीघा ही बचा है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष रवि राय की शिकायत निगम प्रशासन ने बाउंड्रीवॉल कार्य पर रोक लगाते हुए भराव करने वालों पर पुलिस कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से सोसायटी कर्ताधर्ताओं व प्लॉट धारकों में हलचल है। निगम अब नजुल रिकॉर्ड व कॉलोनी संबंधी लेआउट की पड़ताल कर आगामी कार्रवाई करेगा।

अक्सर विवादों में रहती है सोसायटी
विवेकानंद कॉलोनी श्याम गृह निर्माण संस्था ने काटी थी। तालाब से सटे विवादित भाग पर भी सोसायटी के जिम्मेदारों ने ही रजिस्ट्रियां की हैं। सालों पहले हुआ ये खेल अब उजागर हो रहा है। वैसे भी ये सोसायटी कई मामलों को अक्सर विवादों में रहती है। इसके कर्ताधर्ताओं पर हेराफेरी के आरोपों के चलते सहकारिता विभाग ने रिसीवर नियुक्त किया था। हाल ही में इसके चुनाव हुए हैं।

इस सर्वे पर दर्ज, मालिक नगर निगम
नजुल रिकॉर्ड अनुसार नीलगंगा तालाब (तलाई) सर्वे क्रमांक १९४५/२ पर दर्ज है, जिसका रकबा २.१८५ हेक्टेयर लिखा हुआ है, जिसका मालिक नगर निगम स्वयं है, लेकिन तालाब पर बाउंड्रीवॉल निर्माण दौरान निगम ने राजस्व अमले से सीमांकन नहीं कराया। इसके बगैर ही टेंडर जारी कर दिया। शिकायत होने पर बुधवार को निगम ने तहसीलदार कार्यालय में तालाब सीमांकन कराए जाने का आवेदन दिया है।

तहसीलदार कार्यालय को तालाब भूमि सीमांकन के लिए व टीएनसीपी विभाग को स्वीकृत लेआउट उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजे गए हैं। उक्त प्रक्रिया होने के बाद ही आगामी कार्रवाई करेंगे।
रामबाबू शर्मा
ईई, नगर निगम

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