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शुजालपुर और कालापीपल में आसमान से गिरी सफेद आफत, ये होगा नुकसान

किसानों की बची हुई उम्मीदों पर फिरा पानी

उज्जैनOct 06, 2019 / 12:35 am

rajesh jarwal

White  Disaster fall from the sky, this will be a loss

किसानों की बची हुई उम्मीदों पर फिरा पानी

शुजालपुर. शारदीय नवरात्र पर्व समापन की ओर है तथा वर्षाकाल की समाप्ति हो रही है फिर भी बारिश पीछा नहीं छोड रही। जुलाई के अंतिम सप्ताह से शुरू हुआ यह बारिश का दौर अक्टूबर माह में भी चल रहा है। शनिवार को आसमान से पानी के साथ आफत की बारिश के रूप में ओले भी बरसे। जिससे थोडी बहुत बची खरीफ फसल और खराब हो गई। ओलावृष्टिï के बाद मुसलाधार बारिश का दौर शुरू हो गया, जो कि रात तक जारी था। बारिश के कारण खेतों में कटी हुई फसल भी खराब होगी। उल्लेखनीय है कि तीन दिनों से क्षेत्र में मौसम खुला हुआ था, अंचलों में ग्रामीणों व किसानों की चहल पहल खेत तथा खलियानों में शुरू हो गई थी, मौसम साफ होने से सोयाबीन की फसल कटाई का दौर भी शुरू हो गया था। लेकिन शनिवार की शाम को क्षेत्र में मौसम ने फिर से करवट ली। तेज हवा और बादलों की गर्जना के बीच अनुविभाग शुजालपुर के कुछ गांवों में ओलावृष्टिï हुई। मिली जानकारी अनुसार अरन्याकलां के समीप स्थित कनाडिया में लगभग 5 मिनिट तक चने के आकार के ओले बरसे। कनाडिया सरपंच भंवरसिंह परमार ने बताया कि पहले तेज हवा चली और फिर ओले बरसना शुरू हो गए। सोयाबीन फसल पहले से ही खराब हो गई थी और जो बच गई थी वह ओलों ने नष्टï कर दी। इसी प्रकार कालापीपल तहसील के ग्राम काकरिया व नांदनी सहित आसपास के कुछ गांवों में ओलावृष्टिï के समाचार मिले है।
किसानों की परेशानी और बढ़ी- तीन दिनों से मौसम खुला रहने पर किसानों ने खड़ी फसल को संभालना शुरू कर दिया था। क्षेत्र के अधिकांश खेतों में सोयाबीन फसल कटाई शुरू हो गई थी। लेकिन शनिवार को किसान की मेहनत पर आसमान से बरसी आफत ने फिर से पानी फेर दिया। बताया जाता है कि खड़ी फसल होने पर बारिश से उतना नुकसान नहीं होता है जितना कटाई के बाद खेतों में पडी फसलों को होता है। इन फसलों को सुखाने के चक्कर में किसान जहरीले जन्तुओं के शिकार भी बनेगे।
कालापीपल में बारिश के बाद अब ओलावृष्टि ने किया नुकसान
कालापीपल. शनिवार शाम को हुई ओलावृष्टि ने क्षेत्र के लगभग एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इन गांवों में सोयाबीन की फसल को लगभग सौ प्रतिशत नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही कई पेड़ भी धराशाई हो गए वहीं मकान भी ढह गए।
पिछले लगभग 2 महीनों से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया था। वहीं लगभग 2 दिनों से मौसम खुलने के साथ ही किसान भी अपनी बची हुई फसलों को समेटने में लग गए किसानों द्वारा फसल कटाई का काम शुरू ही किया था कि शनिवार शाम तेज आंधी तूफान के साथ बारिश अपने साथ ओले ले आई जो किसानों की फसलों पर आफत बनकर टूटी। ओलों की मार सबसे ज्यादा नुकसानदायक साबित हुई। शाम लगभग 5 बजे बजे क्षेत्र के ग्राम आंधी के साथ आई बारिश अपने साथ ले ले आई जिसके चलते कई गांव में पेड़ धराशाई हो गए वही ग्राम काकड़ खेड़ा में बिजली के खंबे टूट जाने से गांव की बिजली भी गुल हो गई। शनिवार को ग्राम नांदनी, ढाबला धीर, काकडख़ेड़ा, फरड आलनिया सहित आसपास के गांवों में चने के आकार में ओले बरसे। करीब 15 मिनट तक हुई ओलों की यह बारिश फसलो पर भारी साबित हुई है। बारिश के बाद जब किसान खेतों में पहुंचे तो फसलें खेतों में आड़ी पड़ी हुई थी। सोयाबीन की फलियों में से दाने गिरकर टूट गए। इसके साथ ही कई जगहों पर कटी हुई फसलें पानी में बह गई। पकी हुई सोयाबीन की फसल की बर्बादी देखकर किसान रोने लगे।
ग्राम ढाबला धीर निवासी डॉ कमल सिंह मेवाडा ने बताया लगातार 1 घंटे तेज बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए 2 दिनों से खुले हुए मौसम के चलते फसलों की कटाई चल रही थी तेज पानी खेतों में जा पहुंचा जिसमें कटी हुई फसल भी बह गई।
ग्राम काकड़ खेड़ा निवासी अचल सिंह ने बताया तेज बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से फसलें चौपट हो गई है वहीं गांव में पेड़ ट्रांसफार्मर पर जा गिरा जिससे विद्युत सप्लाई भी प्रभावित हुई। ग्राम नांदिनी निवासी कृपाल सिंह ने बताया कई घरों पर ओले गिरने से खप्पर भी टूट गए फसलों को भी नुकसान हुआ है।

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