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आखिर अफसर क्यों दौड़े गांव-गांव

locationउज्जैनPublished: Sep 17, 2019 11:53:11 pm

Submitted by:

Ashish Sikarwar

अत्यधिक बारिश से प्रभावित हुई सोयाबीन के नुकसान का सर्वे करने के लिए प्रशासनिक अमला मंगलवार को गांव-गांव पहुंचा।

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अत्यधिक बारिश से प्रभावित हुई सोयाबीन के नुकसान का सर्वे करने के लिए प्रशासनिक अमला मंगलवार को गांव-गांव पहुंचा।

नागदा. अत्यधिक बारिश से प्रभावित हुई सोयाबीन के नुकसान का सर्वे करने के लिए प्रशासनिक अमला मंगलवार को गांव-गांव पहुंचा। कलेक्टर से मिले निर्देश से सुबह से ही राजस्व, कृषि विभाग व बीमा कंपनी के अधिकारी खेत-खेत पहुंचे और फसलों का निरीक्षण किया। एसडीएम आरपी वर्मा ने सर्वे के लिए नागदा तहसील में 4 टीम का गठन किया है। गठित की गई टीम एक सप्ताह में सर्वे कर रिपोर्ट एसडीएम को सौंपेगी, जिसके बाद एसडीएम रिपोर्ट को कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। निरीक्षण के दौरान टीम ने यह पाया कि फसलों को अति वर्षा से नुकसान हुआ है पर कितना नुकसान हुआ यह पटवारी की रिपोर्ट में उल्लेख होगा। साथ ही बारिश से क्षतिग्रस्त हुए मकान व मौत का शिकार हुए मवेशियों का भी सर्वे किया जाएगा। मंगलवार को एसडीएम आरपी वर्मा, तहसीलदार अनिरुद्ध मिश्रा व कृषि विभाग की टीम ने लगभग 12 गांव का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कृषि विभाग के एसडीओ केसी व्यास, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी केएस मालवीय, बीमा कंपनी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के क्षेत्रिय अधिकारी विकास गुप्ता, राजस्व विभाग के आरआई, पटवारी, जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत सचिव आदि मौजूद थे।
इन गांव का किया सर्वे
एसडीएम वर्मा की टीम ने गांव रूपेटा, डाबरी, जलोदिया जागरी, रठला, चंबल पाड़ल्या, लेकोडिय़ा आंजना, तहसीलदार की टीम ने गांव पारदी, भाटीसुड़ा, नायन व कृषि विभाग की टीम ने रोहलकलां, रोहलखुर्द आदि गांव का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने समस्त आरआई व पटवारी को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र के प्रत्येक गांव के प्रत्येक किसान के खेत का सर्वे कर रिपोर्ट बनाएं। रिपोर्ट में यह अंकित करना है कि कौन सी फसल कितनी प्रभावित हुई है।
बारिश से प्रभावित हुई फसलों के सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। चार अलग-अलग टीम बनाकर एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है । मंगलवार को राजस्व व कृषि विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण किया था ।
आरपी वर्मा, एसडीएम, नागदा
सुमराखेड़ा. किसानों की समस्याओं के निराकरण हेतु तहसील कार्यालय में विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन एसडीएम गोविंद दुबे को सौंपा गया।
सुमराखेड़ा के किसान तहसील मुख्यालय पहुंचे। इन्होंने प्रदेश, केंद्र सरकार व कलेक्टर के नाम के ज्ञापन दिए। इसमें बताया कि प्रत्येक किसानों को 200000 का सभी बैंकों का कर्ज माफ किया जाए एवं ऋण मुक्ति प्रमाण पत्र दिए जाएं। गेहूं, सोयाबीन, मक्का, सरसों हेतु प्रोत्साहन राशि तुरंत खातों में जमा करें। पिछले वर्ष शीतलहर से फसलें प्रभावित हुई थी उसकी बीमा राशि तुरंत दी जाए।
वर्तमान में सोयाबीन में अफलन व बांझपन की स्थिति है। ऐसे में शासन, प्रशासन एवं बीमा कंपनी के अधिकारी तुरंत जांचकर किसानों को उचित मुआवजा दें। किसानों को उपज का नकद भुगतान किया जाए। ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू बिजली के बिल अधिक आ रहे हैं। जहां पूर्व में 800 से 1000 तक का का बिल आता था नए मीटर लगने पर 5000 से 10000 का बिल आ रहा है। केंद्र सरकार के नाम दिए ज्ञापन में बताया गया कि देश में पैदा होने वाली फसल की लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिया जाए। सीटू फॉमूले के आधार पर समर्थन मूल्य घोषित कर वर्ष भर खरीदी की व्यवस्था की जाए।
कृषि क्षेत्र की शासन द्वारा दी जाने वाली उपयोगी सब्सिडी अनुदान को बंद करने सभी किसानों को प्रति हेक्टर के मान से 25000 उत्पादन पर लागत अनुदान राशि किसानों के खाते में डाली जाए। सभी फसलों की खरीदी एवं भुगतान सरलीकरण हो वह मंडी में किसानों को 2 लाख तक भुगतान नकद किया जाए।
सभी जिलों में सर्वसुविधायुक्त कृषि कॉलेज होना चाहिए तथा छोटी कक्षाओं से कृषि विज्ञान विषय चालू हो। प्रत्येक विकासखंड तहसील मंडी स्तर पर ऐसी लैब हो जिसमें किसान खाद व दवाई की जांच करवा सकें। प्रधानमंत्री फसल बीमा में कई त्रुटियां हैं इसमें सुधार किया जाए। ज्ञापन देने वालों में किसान सुनील रघुवंशी, संदीप शर्मा, सज्जनसिंह पटेल, मनीष पटेल, मोहन चौधरी, मेहरबान चौधरी, गोविंद चौधरी, अतुल रघुवंशी आदि मौजूद थे।

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