उज्जैन

शहरवासियों ने आखिर क्यों अपनाई आंदोलन की राह…

फोरलेन निर्माण की मांग, सडक़ पर उतरे शहरवासी

उज्जैनOct 16, 2019 / 06:54 pm

Mukesh Malavat

फोरलेन निर्माण की मांग, सडक़ पर उतरे शहरवासी

आगर-मालवा. उज्जैन-झालावाड़ हाइवे पर फोरलेन सडक़ निर्माण की मांग करते हुए मंगलवार को संैकड़ों शहरवासियों ने आंदोलन की राह अपना ली। गांधीवादी तरीके से प्रथम दिन एक रैली निकाली गई और जनप्रतिनिधियों से इस मांग को आगे बढ़ाने की मांग की गई। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित फोरलेन को उज्जैन से सीधे गरोठ जोड़े जाने की प्रक्रिया को लेकर लोगो में आक्रोश भी दिखाई दिया। रैली में महात्मा गांधी के स्वरूप में एक नवयुवक आकर्षण का केन्द्र रहा। रैली के समापन अवसर पर विजय स्तंभ चौराहे पर शहरवासियों द्वारा एक मानव शृंखला बनाई गई और हाइवे पर असमय काल का ग्रास बने लोगों को श्रद्धांजलि दी गई।
सामाजिक संस्था सांई परिवार के आव्हान पर शाम 4 बजे बाद गांधी उपवन में सैंकड़ो की संख्या में शहरवासी उपस्थित हुए। युवा वर्ग हाथों में तख्तियां लेकर रैली में चल रहा था। रैली में शामिल नागरिको ने फोरलेन सडक़ निर्माण की मांग को तेज करने के लिए शहरवासियों से आगे आने की अपील भी की। यह रैली शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए विजय स्तंभ चौराहे पर पहुंची जहां रैली का समापन किया गया। रैली के आरंभ अवसर पर कलेक्टोरेट पहुंचकर नागरिकों ने प्रधानमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन भी सांैपा जिसमें बताया गया कि उज्जैन-चंवली राजमार्ग क्रमांक 27 था जिसे सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 552 एदलाबाद से झालावाड़ किया गया। इसी मार्ग से मात्र 15 किमी पर विश्व प्रसीद्ध मां बंगलामुखी मंदिर है जहां हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस मार्ग का सर्वे कर भू-अर्जन की कार्रवाई प्रचलित थी लेकिन राजनीति द्वेषता के चलते इस मार्ग को परिवर्तित कर इसे उज्जैन से गरोठ होते हुए नया मार्ग प्रस्तावित कर दिया गया जिससे नागरिकों में खासा आक्रोश है।
ऐसे छिनी क्षेत्रवासियों से सौगात
उज्जैन-कोटा हाइवे पहले मप्र अंतरप्रांतीय राजमार्ग हुआ करता था। इस राजमार्ग को नेशनल हाइवे में तब्दील कर दिया गया तो कयास लगाए गए कि अब यह फोरलेन में परिवर्तित हो जाएगा। बकायदा इसके लिए भू-अर्जन की कार्रवाई का प्रथम चरण भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने शुरू किया लेकिन भू-अर्जन की कार्रवाई पूर्ण होने से पहले ही इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। जो फोरलेन उज्जैन-आगर होते हुए सोयत चंवसी बार्डर तक बनना था उसी फोरलेन का रूट ही बदल दिया गया यह तमाशा जनप्रतिनिधि देखते रह गए। अब यह हाइवे आए दिन हादसों का सबब बनता जा रहा है। असमय अनगिनत लोग इस हाईवे पर काल का ग्रास बन चुके हैं।
इंदौर-कोटा अंतरप्रांतीय राजमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में परिवर्तित किए जाने के बाद फोरलेन सडक़ निर्माण के लिए ड्राइंग डिजाइन पूर्ण होने पर नवंबर-दिसंबर 2018 में भू-अर्जन प्रक्रिया चल ही रही थी कि इसी बीच उज्जैन से कोटा तक के हाइवे को ग्रीनफील्ड का अडंगा लगाते हुए पूरे प्रोजेक्ट पर ही विराम लगा दिया गया। न तो भू-अर्जन प्रक्रिया हो पाई हैऔर न ही प्रोजेक्ट का स्टीमेट तैयार हो पाया।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने उज्जैन-झालावाड़ सेक्शन पर आगर शहरी क्षेत्र से बायपास निकालने के लिए बकायदा भू-अर्जन की अधिसूचना जारी करते हुए दावे-आपत्ति आमंत्रित कर लिए थे लेकिन यह पूरी प्रक्रिया राजनीति की भेंट चढ़ गई और आगर आने वाले फोरलेन का रूट ही बदल दिया गया। अब उज्जैन से लेकर सोयत चंवरी तक के नागरिक बेहद परेशान हो रहे हैं।
———-

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.