उज्जैनPublished: May 11, 2019 12:24:18 am
Mukesh Malavat
गांव राजगढ़ से रेत भरकर शहर की ओर आ रहे थे
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नागदा. एसडीएम आरपी वर्मा के निर्देश पर गुरुवार रात को राजस्व विभाग की टीम ने रेत का अवैध परिवहन करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ा है। सभी टै्रक्टर-ट्रालियों में गांव राजगढ़ से बिना रायल्टी की रेत भरकर शहर लाई जा रही थी। पांचों टै्रक्टर-ट्रालियों को जब्त कर मंडी पुलिस थाने को सुपूर्द कर दिया है। एसडीएम ने खनिज विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए है।
गुरुवार रात करीब 9 बजे नागदा एसडीएम वर्मा को मुखबिर से सूचना मिली थी कि गांव अलसी कलसी की ओर से रेत से भरे पांच टै्रक्टर-ट्राली नागदा की ओर आ रही है। एसडीएम ने तत्काल आरआइ मदन लाल उइके के नेतृत्व में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को पकडऩे के लिए राजस्व विभाग के अमले को बैरछा रोड पर तैनात कर दिया। जैसे ही पांचों टै्रक्टर-ट्राली बैरछा मार्ग स्थित राधा स्वामी आश्रम के यहां पहुंचे, जांच दल ने उन्हे पकडकऱ मंडी थाने ले आई। हालांकि कार्रवाई के डर से एक टै्रक्टर का चालक मौके से फरार होने में सफल रहा। जिसका टै्रक्टर टीम के सदस्य ने किसी तरह मौके से लाकर मंडी थाने पर खड़ा किया। सभी टै्रक्टरों को जब्त कर पंचनामा बनाया है। सुरक्षा के लिए मंडी पुलिस थाने की सुपुर्दगी में सौंपा है।
लंबे समय से चल रहा रेत का अवैध करोबार
शहर में रेत का अवैध कारोबार लंबे समय से चल रहा है। हालांकि यदा-कदा प्रशासन एवं खनिज विभाग द्वारा रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई भी की गई, लेकिन सतत् कार्रवाई नहीं होने से अवैध रेत कारोबारी फिर से अपना धंधा शुरू कर देते हे। पिछले दिनों भी प्रशासन ने चंबल से रेत निकालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब आधा दर्जन नाव एवं अन्य संसाधनों को जब्त किया था। इसके बाद कुछ समय तक तो चंबल से रेत निकालने का काम बंद हो गया था, लेकिन गर्मी के दिनों में जैसे ही चंबल के जलस्तर में कमी आई नदी से रेत निकालने का धंधा जोरों से शुरू हो गया है। कार्रवाई से बचने के लिए माफिया रात के अंधेरे में चबंल से रेत निकाल रहे है। यह कार्य गांव नायन, भीलसुड़ा, पिपलौदा बागला, किलोडिय़ा, राजगढ़ आदि ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है।
एक ट्रॉली पर कमा रहे है 2000 से 2500 रुपए
रेत का अवैध परिवहन करने वाले इन दिनों जमकर चांदी काट रहे है। सूत्रों की माने तो रेत कारोबारी ग्रामीण क्षेत्रों में जहां रेत निकाली जा रही है, वहां से तीन से चार हजार रुपए में ट्रॉली भरते है और शहर आकर उसी एक की दो ट्रॉली बनाकर 2500 से 3 हजार रुपए में बेच रहे हैं। इस तरह रेत कारोबारियों को प्रति ट्रॉली दो हजार से ढाई हजार रुपए लाभ कमा रहे है।