उज्जैनPublished: Feb 11, 2019 12:39:58 am
Gopal Bajpai
सुबह पुलिस सुरक्षा में नरवर तक छोड़ा, एबीवीपी पदाधिकारी ने मदद के लिए माना आभार
सुबह पुलिस सुरक्षा में नरवर तक छोड़ा, एबीवीपी पदाधिकारी ने मदद के लिए माना आभार
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.एसएस पाण्डे ने इस्तीफा देने के बाद शनिवार रात 1.30 बजे शहर पहुंचे। किसी विवाद की स्थिति न हो इसके लिए माधवनगर पुलिस को पूर्व ही सूचना दे दी गई थी। इस पर कुलपति के बंगले पर रात में ही पुलिस पहुंच गई।
उनसे मिलने एएसपी नीरज पाण्डे भी पहुंचे। सुबह 10 बजे पुलिस उन्हें नरवर तक छोड़कर आई। बता दें कि कुलपति के इस्तीफे के बाद विवि में जमकर हंगामा हुआ। कर्मचारियों ने कैम्पस को शिप्रा जल से धोया तो एनएसयूआई ने उनके बोर्ड पर कालिख पोत दी। इसी बीच कुलपति को आशंका थी कि उनके उज्जैन आने पर कोई अप्रिय घटना हो सकती है।
विदाई समारोह में पहुंचे चार प्रोफेसर
पूर्व कुलपति प्रो. एसएस पाण्डे ने औपचारिक विदाई समारोह के लिए सोमवार का समय दिया था। शिक्षक संघ ने कुलपति की विदाई समारोह की कोई तैयारी नहीं की, लेकिन कर्मचारी संघ ने कुलपति से समय मांगा था। इस बीच हंगामा होते देख कुलपति शनिवार आधी रात उज्जैन पहुंचे और सुबह 10 बजे उज्जैन से रवाना हो गए। इस बीच ताबड़तोड़ विदाई समारोह की तैयारी की गई, लेकिन कुल चार प्रोफेसर ही बंगले पर कुलपति से मिलने के लिए पहुंचे। इसमें एचपी सिंह, केएन सिंह, राकेश ढण्ड, आरके अहिरवार शामिल थे। प्रभारी कुलपति डॉ. बालकृष्ण कुछ समय के लिए बंगले पर गए। इसके अलावा पूर्व कुलपति के साथ पूर्व कार्यपरिषद सदस्य हरनाम सिंह भी मौजूद थे।
एबीवीपी की तरफ से आभार
पूर्व कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप जांच में लगने के बाद एनएसयूआई लगातार विरोध कर रही है, लेकिन एबीवीपी की तरफ से कुलपति का आभार प्रकट किया गया। तत्काल सूचना मिलने पर संगठन बड़ी तैयारी नहीं कर पाया, लेकिन कुछ एबीवीपी महानगर सहमंत्री लक्ष्य मालवीय स्मृति चिह्न लेकर बंगले पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने कुलपति के सहयोग के लिए आभार प्रकट किया।
बंगले के सामान का पंचनामा बनाया
विवि के पूर्व कुलपति कुछ समय पूर्व ही अपना सभी सामान ले गए। शनिवार रात वह एकाएक पहुंचे और सुबह महाकाल दर्शन कर कुछ समय बाद रवाना हो गए, लेकिन इस दौरान उन्होंने बंगले पर विवि के सामान का पंचनामा बनावाया, ताकि इसके आधार पर वह नोड्यूज ले सकें। इसके लिए कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा तो खुद इंजीनियर अतुल जैन पहुंचे।