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आखिर कोर्ट को क्यों नहीं दे रहे किताब खरीदी घोटाले का जवाब

न्यायालय ने दिया अवमानना का नोटिस, विवि से जवाब मांगा

उज्जैनNov 12, 2018 / 12:27 am

Lalit Saxena

न्यायालय ने दिया अवमानना का नोटिस, विवि से जवाब मांगा

उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय के किताब खरीदी अनियमितताओं की जांच के मामले में हाईकोर्ट से न्यायालय अवमानना नोटिस जारी होने के बाद उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। न्यायालय में प्रकरण जाने के बाद विभाग ने जांच तेजी से शुरू की। विवि प्रशासन को आरोप पत्र सौंपकर जवाब मांगा गया, लेकिन विवि की तरफ से दीपावली पूर्व तक जवाब नहीं दिया गया। इधर, न्यायालय का नोटिस विवि और विभाग दोनों को जारी हुआ है। इसके बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। विवि प्रशासन ने भी तेजी से विभाग को जवाब भेजकर पल्ला झाडऩे की कोशिश शुरू की है। बता दें कि 19 नवंबर को विभागीय बैठक है। इसमें प्रमुख सचिव के साथ संभाग, जिले के अधिकारी और विवि अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस बैठक में मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। इसलिए विवि के कुलसचिव तेजी से मामले को निपटाने में लगे हैं।
प्रमुख सचिव को
देना है जवाब
विक्रम विवि की शिकायतों की जांच के मामले में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को जवाब देना है। न्यायालय ने सभी शिकायतों पर विधि के तहत और तथ्य (कारण) के आधार पर जवाब देना है। विवि प्रशासन अब तक किताब खरीदी के सभी आरोपों पर कार्यपरिषद की शक्ति के आधार पर जवाब दे रहा है, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग को उन शक्ति का उल्लेख करना है। जो कार्यपरिषद को शासन के नियमों के विपरीत काम करने की अनुमति देते हों।
कॉलेजों की नियुक्ति मामला गंभीर
विवि प्रशासन हमेशा किताब खरीदी में नियमों से काम होने का दावा करता है, लेकिन न्यायालय में निजी कॉलेजों में धारा 28 कोड के तहत हुई शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली की जांच भी होनी है। इस प्रकरण में नियमों के विपरीत कमेटी का गठन, अपात्र लोगों को कमेटी में रखना और एक दिन में सैकड़ों की संख्या में साक्षात्कार जैसी शिकायत है। शिकायतों के अनुसार यह मामला किताब खरीदी से ज्यादा गंभीर माना जा रहा है। प्रभारी कुलसचिव डीके बग्गा का कहना है कि सभी पत्रों का जवाब समय पर दिया जा रहा है।
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