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विकास के नाम पर बेदखली क्यो?

locationउज्जैनPublished: Dec 07, 2021 11:16:57 am

Submitted by:

anil mukati

महाकाल मंदिर के सामने 150 मकानों के अधिग्रहण के विरोध में लोगों ने दर्ज करवाई आपत्तियां, कलेक्ट्रेट पहुंचे लोगों ने कतारबद्ध होकर आवक-जावक शाखा को सौंपे आवेदन

विकास के नाम पर बेदखली क्यो?

कलेक्ट्रेट पहुंचे लोगों ने कतारबद्ध होकर आवक-जावक शाखा को सौंपे आवेदन

उज्जैन. महाकाल मंदिर विस्तारीकरण योजना के तहत महाकाल मंदिर के सामने 70 मीटर चौड़ीकरण में प्रभावित हो रहे 150 मकान मालिक और उनके किराएदारों ने सोमवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपनी आपत्ति जताई। कलेक्टर कार्यालय पर 200 से अधिक की संख्या में पहुंचे लोगों ने कतारबद्ध होकर अपनी आपत्तियां कलेक्टर कार्यालय के आवक-जावक शाखा में जमा करवाई। लोगों का कहना था कि विकास के नाम पर उन्हें क्यों बेदखल किया जा रहा है। आपत्तियां देने में महिला, पुरुषों के साथ बुजुर्ग भी कतार में खड़े थे। इतनी संख्या में लोगों के लाइन में खड़े देख यहां से गुजर रहे लोग भी हतप्रभ रह गए।
घरों के बाहर चस्पा पोस्टर
मंदिर के सामने 150 मकान के अधिग्रहण किए जाने का लोग विरोध कर रहे हैं। लोगों ने घरों के सामने पोस्टर चस्पा कर लिखा है कि विकास के नाम पर विंध्वस नहीं। श्री महाकालेश्वर क्षेत्र एवं व्यापारी संगठन विस्तारीकरण का विरोध करता है।
यह आपत्ति जताई
भूमि अधिग्रहण के लिए प्रशासन द्वारा भूमि अर्जन पुर्नवास एवं पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के अनुसार प्रस्तुत नहीं की गई है।
अधिग्रहण की जो सूचना जारी की गई है वह वैधानिक नहीं होकर निरस्त योग्य हंै।
मंदिर के सामने 11 मकान अधिगृहीत किए जा चुके हैं। मंदिर के आसपास व पीछे की जमीन भी ली जा चुकी है। ऐसे में मंदिर विकास के लिए पूर्व दिशा की जमीन की आवश्यकता नहीं है।
८शासन के पास वर्तमान में जो भूमि उपलब्ध है, वह पर्याप्त है और भीड़ प्रबंधन तथा मूलभूत सुविधाए प्रदान करने के लिए पर्याप्त है।
८ आपत्तिकर्ता इस क्षेत्र में दशकों से रह रहा है। जो मकान अधिगृहीत किए जा रहे हैं वह आय के एकमात्र साधन है।

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