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राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में कैसी है व्यवस्था, भोजन और आराम के कैसे होते हैं इंतजाम

locationउज्जैनPublished: Nov 28, 2022 01:18:41 pm

Submitted by:

aashish saxena

यात्रा में अलग-अलग प्रकार के 62 कंटेनर, जिनमें एक से 12 बेड की क्षमता, महिलाओं के लिए पिंक कंटेनर

Why is Rahul's Bharat Jodo Yatra so special, how are the arrangements

यात्रा में अलग-अलग प्रकार के 62 कंटेनर, जिनमें एक से 12 बेड की क्षमता, महिलाओं के लिए पिंक कंटेनर

उज्जैन. सौ से अधिक निकटतम साथी, लगभग ३०० का स्टॉफ, ट्रकों पर लोहे के कंटेनर, इनमें रहने के लिए वातानुकूलित रूम व बेड, वेस्टर्न-इंडियन शौचायल, ठंडे-गर्म पानी वाला स्नानागार और सामान रखने के लिए ड्रोर आदि। साथ में वॉशिंग मशीन-लांड्री सुविधा, किचन, डायनिंग टेबल्स और जरूरत पडऩे पर आवश्यक चिकित्सा व्यवस्था… यह है राहुल गांधी की चलती फिरती बस्ती जिसमें लगभग वह सभी आधारभूत इंतजाम हैं जिनकी एक व्यक्ति को दैनिक जीवन में आवश्यकता पड़ती है।

गैर राजनीतिक होने के दावों के बावजूद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा देश की राजनीति में जितनी खास है, इसे निकालने के लिए किए गए इंतजाम उतने ही विशेष। कन्याकुमारी से श्रीनगर तक निकाली जा रही यात्रा लगभग १५० दिन चलेगी। आवश्यक है कि आराम व रहने के लिए जरूरी इंतजाम साथ हो। इसलिए यात्रा में राहुल के साथ कुल ६२ कंटेनर चल रहे हैं। प्रत्येक पढ़ाव पर पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा वैसे तो सभी व्यवस्थाएं पहले से कर ही ली जाती है, बावजूद यात्रा के लिए इन कंटेनर्स को इस तरह तैयार किया गया है यदि कहीं व्यवस्था न भी हो, तब भी किसी चीज की कमी नहीं पड़ेगी। इनमें राहुल के सहित भारत जोड़ो यात्रा के सभी यात्रियों के रहने की व्यवस्था तो है ही, सुबह उठने से रात सोने तक उपयोग में आने वाले जरूरी सामान भी हैं।भोजन, विश्राम के साथ यात्रा में सभी के स्वास्थ्य के लिए एम्बुलेंस व चिकित्सकों की टीम भी २४ घंटे मौजूद है।

यात्रा के साथ उज्जैन आएंगी नूरी

भारत जोड़ो यात्रा में देशभर के 120 चुनिंदा नेता बतौर यात्री शामिल हैं जिनमें करीब 30 महिलाएं हैं। प्रदेश महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष व उज्जैन नेत्री नूरी खान पहले दिन से यात्रा से जुड़ी हैं। २९ नवंबर को शहर पहुंच रही यात्रा में के साथ वे भी करीब ८० दिन बाद उज्जैन लौट रही हैं। वे आगे भी यात्रा में शामिल रहेंगी। नूरी १३९ नंबर के कंटेनर में रहती हैं। वे बताती हैं, कंटेनर्स में आधारभूत सुविधाएं हैं जो एक व्यक्ति को दैनिक जीवन के लिए जरूरी होती हैं।

यात्रा पहुंचने से पहले तैयार हो जाते हैं कंटेनर

भारत जोड़ो यात्रा जिस पड़ाव पर रात्रि विश्राम के लिए रुकती है, अगले दिन सुबह झंडावंदन के बाद करीब ६ बजे दूसरे पड़ाव के लिए रवाना हो जाती है। राहुल सहित यात्रा मेें शामिल अन्य कांग्रेस नेता पैदल आगे बढ़ते हैं। कुछ समय बाद सभी कंटेनर व स्टॉफ मय लगेज अगले पड़ाव के लिए रवाना हो जाते हैं जबकि यात्री पीछे पैदल आते हैं। दो पड़ाव के बीच औसत करीब २५ किलोमीटर की दूरी होती है। यात्रा के पड़ाव पर पहुंचने से पहले कंटेनर के जमने के साथ ही स्टॉफ यात्रियों के विश्राम की पूरी व्यवस्था कर चुका होता है। इसमें कंटेनर की सफाई, पानी की उपलब्धता, डाइनिंग व कम्युनिटी हॉल बनाना, लांड्री सेटअप आदि शामिल रहते हैं।

बिभिन्न जोन में हैं कंटेनर

येलो जोन- इस कंटेनर में एक बेड, एक काऊच, वॉशरूम, एसी-पंखा।
ब्लू जोन- कंटेनर में दो बेड, वॉशरूम, वॉश रूम, एसी-पंखे।
रेड व ऑरेंज जोन- इन जोन के कंटेनर में चार-चार बेड, एसी-पंखे। वॉश रूम की सुविधा नहीं।
पिंक जोन- इस जोन के कंटेनर महिला यात्रियों के लिए हैं। इसमें चार बेड, वॉश रूम, एसी-पंखे हैं।
ग्रीन जोन- इन कंटेनर में १२ बेड हैं। यह रेलवे की किसी बोगी के समान हैं। एसी-पंखे की सुविधा है।
(जानकारी कांगे्रस नेताओं से चर्चा अनुसार)

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