सिंहस्थ २०१६ का प्लान तैयार करने का जिम्मा मप्र शासन की स्वशासी संस्था एप्को को दिया गया था। एप्को ने अपने प्लान में भूमि की आवश्यकता, मेला क्षेत्र का नियोजन, रोड, ब्रिज, घाट, पार्र्किंग, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि को लेकर प्रस्ताव दिए थे। सिंहस्थ २०१६ की सफलता का हवाला देते हुए एप्को ने अब सिंहस्थ २०२८ के लिए अभी से कम्प्रहेन्सिव प्लान तैयार करने की आवश्यकता जताई है। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग प्रमुख सचिव को पत्र भेजन के साथ ही हाल में संभागायुक्त व निगमायुक्त को प्रतिलिपि भेजी गई है। हालांकि अभी इसको लेकर किसी प्रकार का निर्णय नहीं हुआ है।
आएंगे अधिक श्रद्धालु
इस सिंहस्थ में पांच करोड़ से अधिक श्रद्धालु व पर्यटक शहर आए थे। एप्को ने सिंहस्थ २०२८ में ७ से १० करोड़ लोगों के शहर आने की संभावना जताई है। ऐसे में यदि प्लान तैयार किया जाता है तो १० करोड़ लोगों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया जाएगा।
प्लान पर उठे थे सवाल
सिंहस्थ २०१६ के लिए तैयार किए प्लान पर अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न बैठकों में कई सवाल उठाए थे। कम्प्रहेन्सिव प्लान तैयार करने के लिए एप्को को वर्ष २०११ में जिम्मेदारी दी गई थी। एप्को ने इकरा को काम सौंप दिया था। वर्ष २०१३ में प्लान प्रस्तुत कर दिया गया था। इसके बाद होने वाली बैठकों में प्रजेंटेशन के दौरान प्लान को लेकर कई आपत्तियां भी उठी थीं। कुछ ऐसे मामले भी सामने आए थे कि प्लान अंतर्गत मेला क्षेत्र में जहां कैंप या अन्य निर्माण दर्शाए गए थे, मौके पर वहां नाला मिला था। इसके चलते प्रशासन को फील्ड का भौतिक सत्यापन भी करवाना पड़ा था।