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यहां कृषि जिंसों की खरीदी क्यो बंद कर दी

locationउज्जैनPublished: Apr 21, 2018 12:23:35 am

Submitted by:

Lalit Saxena

गेहूं का २६ हजार बोरी स्टॉक रुका

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नागदा. कृषि उपज मंडी में उपज का परिवहन रुक जाने से समर्थन मूल्य की खरीदी बंद कर दी गई है। शुक्रवार शाम को चना, मसूर, सरसो एवं रायड़ा की समर्थन मूल्य की खरीदी बंद कर दी गई। इधर, गेंहू का परिवाहन नहीं होने से अब मार्केटिंग सोसायटी के अधिकारियों व कर्मचारियों की भी सांसें फूलने लगी है।
कृषि उपज मंडी परिसर में सेवा सहकारी संस्था रुपेटा और झांझाखेड़ी द्वारा चना, मसूर, उड़द, मंगू, सरसो एवं रायड़ा की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही है। संस्था प्रबंधक रवींद्रकुमार शर्मा एवं अजयसिंह डोडिया के अनुसार स्थान के अभाव को लेकर शुरु से ही संशय की स्थिति बनी हुई है, लेकिन सेवा सहकारी संस्था के अधिकारियों ने परिवहन तीव्र गति से करने का आश्वासन दिया था। खरीदी के अनुरूप उपज का परिवहन नहीं होने से खरीदी स्थान उपज से घिर गया। वर्तमान में उपार्जन स्थल पर 828 बोरी चना, 200 बोरी मसूर, 390 बोरी सरसो का स्टॉक है, लेकिन उपज का परिवहन नहीं हो रहा है।
अधिकारियों को कराया अवगत : परिवहन की समस्या को लेकर स्थानीय से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया, लेकिन परिणाम सिफर ही रहा। शुक्रवार को जिला मुख्यालय से आकर अधिकारियों ने खरीदी केंद्र पर पहुंचकर मौका मुआयना भी किया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका। प्रबंधक शर्मा ने दोपहर तीन बजे से समर्थन मूल्य की खरीदी बंद करने की घोषणा कर दी, जिससे उपज बेचने आए किसानों में हड़कंप मच गया। किसान अनोखीलाल शर्मा रजला ने बताया कि एसएमएस मिलने के बाद उपज बेचने के लिए मंडी परिसर में पहुंचे, लेकिन परिवहन की समस्या के कारण प्रबंधक ने चना की फसल खरीदने से इंकार कर दिया। तेजपालसिंह डोडिया और भूपेंद्रसिंह डोडिया निवासी टूटियाखेड़ी ने कहा कि लगभग 10 क्विंटल चना बेचने के लिए ट्रेक्टर लेकर पहुंचे, लेकिन समर्थन मूल्य की खरीदी बंद होने की सूचना मिली, जिससे हड़कंप मच गया।
बारिश हुई तो खड़ी होगी परेशानी
मार्केटिंग सोसायटी अध्यक्ष युवराजसिंह राणावत ने बताया कि खाचरौद और उन्हेल के बाद अब नागदा खरीदी केंद्र पर भी समर्थन मूल्य की खरीदी को लेकर विपरीत स्थितियां निर्मित हो रही है। अध्यक्ष राणावत के अनुसार मंडी परिसर में खुले आसमान के नीचे लगभग 26 हजार बोरियां पड़ी हुई है। ऐसे में यदि बारिश हो जाती है तो गेहूं बारिश में गीला हो जाएगा। बीते सप्ताह पहले भी एकाएक बारिश होने मंडी परिसर में उपज गिली हो गई थी, जिसको बचाने के लिए मंडी कर्मचारियों व हम्मालों को खासी मशक्कत करना पड़ी थी।
खरीदी नहीं होने से भुगतान में होगी देरी
उपज का परिवहन नहीं होने से मंडी व मार्केटिंग दोनों के लिए चुनौती बनता जा रहा है परिवहन के लिए स्थानीय से लेकर वरिष्ठ अधिकारियेां को अवगत कराया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। शुक्रवार को भी मात्र दो ट्रक लगे, जिसमें उपज भरकर वेयरहाउस में पहुंचाया गया। परिवहन नहीं होने से उपज यदि वेयरहाउस में नहीं पहुचंती है तो किसानों को भुगतान में देरी हो सकती है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वेयरहाउस के वैरिफिकेशन के बाद ही भुगतान के लिए राशि नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा जारी की जाती है, इसके बाद किसानों के खाते में राशि पहुंचती है।
&परिवहन नहीं होने से उपार्जन स्थल पर उपज काफी मात्रा में स्टॉक हो गई है, जिस कारण शुक्रवार की शाम से चना, मसूर, उड़द और सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदी बंद कर दी गई है।
रवींद्रकुमार शर्मा, सेवा सहकारी संस्था सचिव, रूपेटा
&प्रबंधक, सेवा सहकारी संस्था रुपेटामंडी परिसर में लगभग 26 हजार बोरियों का स्टॉक है इसके बाद भी परिवहन नहीं हो रहा है, जिसके कारण अब समर्थन मूल्य की खरीदी प्रभावित हो सकती है।
युवराजसिंह राणावत, अध्यक्ष, मार्केटिंग सोसायटी

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