scriptएसइ के लोकायुक्त प्रकरण पर महापौर ने क्यों दिखाया तल्ख रुख | Why the mayor has shown a tough stand on the Lokayukta case of SE | Patrika News

एसइ के लोकायुक्त प्रकरण पर महापौर ने क्यों दिखाया तल्ख रुख

locationउज्जैनPublished: Jul 24, 2018 01:17:19 am

Submitted by:

Lalit Saxena

मामला निगम एसइ के इंदौर ननि से जुड़े प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति का

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उज्जैन. मेयन इन काउंसिल की बैठक में नगर निगम अधीक्षण यंत्री से जुड़े प्रस्ताव को बाले-बाले ही पेश करने को लेकर सवाल खड़े हुए। निगमायुक्त को जानकारी में डाले बगैर सोमवार को सीधे बैठक में इससे जुड़ा कानूनी अभिमत पेश हुआ, जिस पर महापौर ने कहा कि लोकायुक्त प्रकरणों में उलझे अफसरों को फील्ड के पदों पर नहीं रखने के शासन के निर्देश हैं। इसके पालन में एसइ हंसकुमार जैन की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर सेवाएं शासन को देकर यहां से अन्यत्र भेजा जाए। कुछ मेंबरों ने भी इसका समर्थन किया, लेकिन बैठक दौरान निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने चुप्पी साधे रखी, वे कुछ नहीं बोलीं। बैठक में इसके सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
निगम एसइ हंसकुमार जैन पर इंदौर ननि में पदस्थी दौरान साल २००५ में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में लोकायुक्त प्रकरण दर्ज है। इस मामले में अभियोजन स्वीकृति प्रकरण इंदौर ननि में प्रचलित है। जिसे लेकर हाल ही में विवेकसिंह ने इंदौर हाइकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की है। जिसमें जैन पर आवश्यक कार्रवाई करने की अपील है। इस याचिका को लेकर जारी नोटिस का संज्ञान लेते हुए महापौर ने अभिभाषक कैलाश विजयवर्गीय से कानूनी अभिमत मंगवाया। इसी को एमआईसी बैठक में पेश कर जैन की सेवाएं वापस लौटाने संबंधी पत्र शासन को भेजने का निर्णय लिया गया। साथ ही उनसे फील्ड के सारे प्रभार छीनने की भी अनुशंसा की गई है। सूत्रों के अनुसार बैठक दौरान महापौर व एमआइसी मेंबरों की एसइ जैन से हॉट-टॉक भी हुई। उनके प्रकरण पर चर्चा दौरान ये सब हुआ।
७वें वेतनमान मंजूर भत्ता बढ़ाया
एमआइसी बैठक में निगम के करीब १५०० कर्मियों को ७वां वेतनमान देने व कर्मियों सहित पेंशनर्स को देय महंगाई भत्ते में ३ प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय भी एमआइसी से हुआ। ये प्रकरण अब निगम परिषद में स्वीकृति के लिए प्रस्तुत होगा। एमआइसी में कर्मियों के हित में हुए फैसले को लेकर कर्मचारी संगठनों ने महापौर व परिषद सदस्यों का स्वागत भी किया।
शिप्रा किनारे हरियाली, पाथ-वे व फेंसिंग पर खर्च होंगे ८२३ लाख
शिप्रा किनारे १८ किमी लंबे क्षेत्र में वृहद् पौधरोपण, फेंसिंग पाथ वे निर्माण व अन्य कार्य पर ८२३ लाख रुपए का बजट एमआइसी ने अनुमोदित किया। पहले ५ से ६ किमी के फेज में ये काम होगा, जिसके लिए अमृत मिशन से ३०० लाख रुपए लिए जाएंगे। शिप्रा शुद्धिकरण न्यास मद की राशि भी इस योजना पर खर्च होगी। बैठक में निगम स्वामित्व की विभिन्न दुकानों के नामांतरण प्रस्ताव भी परिषद में भेजने पर स्वीकृति हुई। बैठक में अपर आयुक्त मनोज पाठक, पीएचइ इइ धर्मेन्द्र वर्मा, सहायक आयुक्त बीके शर्मा आदि मौजूद रहे।
कीमतें तय, पीएम आवास स्कीम में एलआइजी १६ लाख व एमआइजी फ्लैट २१ लाख रुपए का
कानीपुरा में निर्माणाधीन आवासों की कीमत एमआइसी से निर्धारित, कुल २७२ फ्लैट बनेंगे
उज्जैन. कानीपुरा में पीएम आवास स्कीम अंतर्गत बनने वाले फ्लैटों की कीमत एमआइसी ने तय कर दी। एलआइजी १६ लाख तो एमआइजी फ्लैट २१ लाख रुपए में मिलेंगे। तय आय वर्ग वाले कोई भी लोग इन फ्लैटों को खरीद सकेंगे। फिलहाल कानीपुरा साइट के लिए ही ये रेट तय हुए हैं। नीलगंगा पर निर्माणाधीन आवासों की दरें तय नहीं हुई हैं।
निगम अधिकारियों के अनुसार इडब्ल्यूएस आवासों के कुछ प्रतिशत घाटे की पूर्ति बड़े आकार के आवासों से की जाना है। इस कारण भी इन फ्लैटों की लागत कुछ बढ़ रही है। अगले तीन साल में हाउसिंग फार ऑल घटक में कुल ३६८ एलआइजी व १९२ एमआइजी आवास बनाने की प्लानिंग है। ये आवास जी प्लस टू व थ्री में बनेंगे। जल्द ही निगम अब इन आवासों के लिए पंजीयन प्रक्रिया आरंभ करेगा। इधर प्रॉप्रर्टी जानकारों का कहना है कि ये
फ्लैट काफी महंगे हैं, इनकी बुकिंग लेना निगम के लिए चुनौती भरा रहेगा।
सब्सिडी का लाभ मिल सकेगा
आवास पंजीयन कराने वालों को ऋण सब्सिडी योजनों में अधिकतम २ लाख रुपए की सब्सिडी का लाभ मिल सकेगा। ये लाभ राष्ट्रीयकृत व अनुबंधित बैंक से फ्लैट के लिए ऋण लेने पर मिलेगा। जितना ऋण स्वीकृत होगा उसमें २ लाख सरकार सब्सिडी देगी। यानी मूलधन इतनी राशि कटकर तय होगा। इसके आवेदन भी निगम पीएम आवास सेल के जरिए होंगे।
कानीपुरा में कौन से कितने फ्लैट व क्षेत्रफल
– एलआइजी १२८, बिल्डअप एरिया ६८० वर्ग फीट
– एमआइजी १४४, बिल्डअप एरिया ८२८ वर्ग फीट
– प्लानिंग – आकार में अंतर, दोनों में दो बैड रूम,
हॉल किचन, लैट-बॉथ निर्मित होंगे
-पैमेंट कंडीशन – बैंक से ऋण अथवा चार किस्त में।
( नोट -आवेदक को शपथ पत्र देना होगा की उसके पास भारतभर में अन्य कहीं पक्का आवास नहीं हैं)

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