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विवि के अतिथि विद्वानों से क्यों वापस लिया जाएगा वेतन

locationउज्जैनPublished: Jan 04, 2019 12:54:08 am

Submitted by:

Gopal Bajpai

कार्यपरिषद में हो चुका है निर्णय, न्यायालय के स्थगन के बावजूद बढ़ा दिया वेतन

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कार्यपरिषद में हो चुका है निर्णय, न्यायालय के स्थगन के बावजूद बढ़ा दिया वेतन

उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय में कार्यरत अतिथि विद्वानों को वेतन बढ़ोतरी का लाभ दिया गया। यह विषय कार्यपरिषद की बैठक में आया तो सदस्यों ने आपत्ति ली, क्योंकि यह अतिथि विद्वान न्यायालय से स्थगन के आधार पर काम कर रहे हैं। ऐसे में लाभ नहीं दिया जा सकता है। हालांकि विवि प्रशासन इन लोगों को बढ़ा हुआ वेतन दे चुका है। ऐसे में इन लोगों ज्यादा हुए भुगतान की वसूली की जा सकती है।
क्या है मामला- विवि में प्रति सत्र अतिथि विद्वानों की नियुक्ति होती है। पिछले कई सत्रों से अतिथि विद्वानों की भर्ती प्रक्रिया उलझी हुई है। पूर्व में कार्यरत अतिथि विद्वान न्यायालय से उन्हें परिवर्तित नहीं करने का आदेश ले आए हैं। इधर, विवि प्रशासन ने इन लोगों की नियुक्ति के समय निर्धारित वेतन की जगह बढ़ा वेतन दे दिया। उच्च शिक्षा विभाग समय-समय पर अतिथि विद्वानों के वेतन में परिर्वतन करता है।
विवि के अतिथि विद्वान खुद को शासन के नियमों के आधार पर लाभ दिए जाने की मांग करते हैं, लेकिन शासन और विवि के प्रकरणों में विधिक तौर पर अंतर है। कार्यपरिषद में वेतन गलत भुगतान की आपत्ति शासन के नियमों के तहत ही आई।
राजभवन पहुंचा प्रकरण
विक्रम विवि में करीब एक दर्जन से अधिक ऐसे अतिथि विद्वान हैं, जो विज्ञापन पर स्थगन लेकर आए थे। इन लोगों के प्रकरण में नई नियुक्ति नहीं होने तक इन्हीं नहीं हटाने की बात है। यह प्रकरण एक बार फिर राजभवन तक पहुंच गया है। विवि अधिकारी प्रकरण में विधिक राय लेकर नियुक्ति का रास्ता साफ करने की तैयारी में है। बता दें कि विवि में 150 में से करीब 70 शिक्षक कार्यरत हैं। साथ ही कुछ समय बात अन्य भी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वर्ष 2007 में हुई नियुक्ति में विवाद हुआ तो अब लगभग खत्म हो चुका है। इसके बाद तीन बार विज्ञापन जारी हुआ, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।
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