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इन कंपनियों के लिए क्यों कचरा बना खतरनाक, जानिए हकीकत

locationउज्जैनPublished: Oct 08, 2019 10:28:57 pm

Submitted by:

aashish saxena

कंपनियों को दो टूक कहा- 31 अक्टूबर तक सुधार नहीं किया तो १ नवंबर से निगम को आपकी सेवाओं की जरूरत नहीं

patrika

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उज्जैन. कचरा कलेक्शन से लेकर इसके निष्पादन तक में सामने आ रही खामियों को लेकर जिम्मेदार कंपनियां एक-दूसरे पर दोष मढ़ रही है। कोई कचरे का सही तरीके से पृथकीकरण नहीं होने की बात कह रहा है तो कोई दूसरी एजेंसी से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के दावे कर रहा है। कंपनियों के कार्य से असंतुष्ट नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने इन्हें कार्यप्रणाली में सुधार का अल्टीमेटम दिया है। पाल ने दो टूक कहा है कि यदि 31 अक्टूबर तक कंपनी अपना प्रदर्शन नहीं नहीं सुधारती हैं तो 1 नवंबर से निगम को उक्त कंपनी की सेवा की जरूरत नहीं रहेगी।

स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर मंगलवार को निगमायुक्त पाल ने बैठक ली। बैठक पूरी तरह कचरे के पृथकीकरण और निश्पादन प्रक्रिया पर केंद्रीत रही। इसमें निगम से अनुबंधित प्राइवेट एजेंसियों ग्लोबल वेस्ट मैनेजमेंट, उज्जैन वेस्ट मेनेजमेंट, डिवाइन व ओम साईं विजन के कार्यों की समीक्षा की। गोंदिया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे का निष्पादन ठीक से नहीं किया जा रहा है। इसके लिए जिम्मेदार कंपनी उज्जैन वेस्ट के प्रतिनिधि इस पर संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। कभी कचरे का पृथकीकरण ठीक से नहीं होने तो कभी बारिश का हवाला भी दिया गया। जवाबों से असंतुष्ट निगमायुक्त ने कंपनी की कार्यप्रणाली पर खासी नाराजगी जताई और निर्धारित शर्तों अनुसार कार्य करने की चेतावनी दी। निगमायुक्त ने कंपनी प्रतिनिधियों से कहा कि आपको कार्य में सुधार के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया जाता है, यदि इस दरमियान आपने आपेक्षित परिणाम नहीं दिए तो 1 नवंबर से निगम को आपकी कोई आवश्यकता नहीं होगी। बैठक में उपायुक्त संजेश गुप्ता, योगेन्द्र पटेल, भविष्य खोबरागड़े को कंपनियों के कार्यों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।

जल्द सुधारे वाहनों की हालत

बैठक में निगमायुक्त ने कचरा कलेक्शन एजेंसी ग्लोबल के कार्य को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि गीला और सूखा कचरा पृथक-पृथक प्राप्त करना और उसे निर्धारित स्थल तक पृथक-पृथक पहुंचाना ग्लोबल का दायित्व है। कंपनी कचरा वाहनों पर एेसे कर्मचारी लगाए जो घरों से गीला व सूखा कचरा प्रथक-प्रथक ले, व अलग-अलग बॉक्स में डाले। कर्मचारियों का मार्गदर्शन करने वाले निरीक्षक भी योग्य हो। प्रेक्षित संख्या में कचरा वाहन, निरीक्षक और हेल्पर वार्डवार तैनात किए जाए। निगमायुक्त ने जल्द कचरा वाहनों की रंगाई-पुताई, हालत में सुधार आदि के निर्देश भी दिए। उन्होंने ग्लोबल को भी कहा कि जो कमियां दिखाई दे रही हैं वे 31 अक्टूबर तक दूर करें, अन्यथा ग्लोबल को भी 1 नवंबर से कार्यमुक्त कर दिया जाएगा। निगमायुक्त ने स्वच्छता जन जागरण के लिए अनुबंधित संस्थाओं डिवाइन और ओम साईं विजन की गतिविधियों के प्रति असंतोष जताया। आयुक्त ने कहा कि यदि ये संस्थाएं अपने कर्तव्य पूर्ण करें तो निगम को नागरिकों का शत प्रतिशत सहयोग प्राप्त हो और स्वच्छता के मार्ग में आने वाली रुकावटों को आसानी से दूर किया जा सकता है। इन संस्थाओं को भी अंतिम चेतावनी देते हुए 31 अक्टूबर तक कार्य सुधारने का कहा है।=

मिक्स कचरा नहीं देने वालों पर भी कार्रवाई

अनुबंधित कंपनियों को फटकार लगाने के साथ ही निगमायुक्त ने उन लोगों पर भी कार्रवाई करने का कहा है जो अपने घर का कचरा पृथक-पृथक न करते हुए मिक्स डाल रहे हैं। पाल ने सूखा व गीला कचरा पृथक कर नहीं देने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए हैं। पाल के अनुसार इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में गीला और सूखा कचरा पृथकीकरण, एकत्रीकरण और उसके निपटान का बहुत अधिक महत्व है। उन्होंने शहरवासियों से भी आह्वान किया कि वे इस कार्य में निगम का सहयोग करे।

उपायुक्त को दिया कचरे की निगरानी का जिम्मा

सूखा और गीला कचरा पूरी तरह अलग-अलग नहीं मिलने की शिकायत पर निगमायुक्त ने उपायुक्तों को इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा दिया है। एमआर-५ व गऊघाट स्थित ट्रांसफर स्टेशन पर उपायुक्त योगेंद्र पटेल व भविष्य खोबरागड़े की ड्यूटी लगाई गई है। उपायुक्त वहां यह देखेंगे कि कचरा वाहनों में आने वाला कचरा प्रथक है या नहीं।

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