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शहीद पति और पिता को मां-बेटे का अंतिम सैल्यूट
शहीद बादल सिंह की पार्थिव देह के नागदा पहुंचते ही घरों के बाहर शहीद के इंतजार में खड़े हर शख्स की आंखें नम हो गईं। साढ़े तीन साल के बेट विमान ने पिता के पार्थिव शरीर को सैल्यूट किया तो हर कोई फफक पड़ा। जैसे ही तिरंग में लिपटे शहीद बादल सिंह की पार्थिव देह वाला ताबूत रामसहाय मार्ग स्थित उनके घर के दरवाजे पर रखा गया लाल के इंतजार में तड़प रही, मां और पत्नी ताबूत से लिपटकर रोने लगी। घर से शुरू हुई अंतिम यात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से होकर मुक्तिधाम पहुंची, जहां पर गार्ड ऑनर के बाद मुखाग्नि साढ़े तीन साल के बेटे विमान ने दी। शहीद की अंतिम यात्रा में केंद्रीय मंत्री थावरचंद्र गेहलोत, सांसद अनिल फिरोजिया, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक दिलीपसिंह गुर्जर, पूर्व कैबिनेट मंत्री सुल्तानसिंह शेखावत सहित बड़ी संख्या में नेतागण और शहरवासी शामिल हुए।
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जब तक सूरज चांद रहेगा शहीद बादल सिंह का नाम रहेगा
शहीद बादल सिंह की अंतिम यात्रा के दौरान हर किसी की आंखे नम थीं और मन शहीद की शहादत से गर्व से भरा हुआ था। अंतिम यात्रा के दौरान शहीद बादल सिंह अमर रहे और जब तक सूरज चांद रहेगा शहीद बादल सिंह का नाम रहेगा जैसे नारे लोग लगा रहे थे। बता दें कि सियाचिन से 27 हजार फीट की ऊंचाई पर ग्लेशियर में देश की सुरक्षा में तैनात बादल सिंह बर्फ धंसने के कारण उसकी चपेट में आ गए थे और उनकी मौत हो गई थी।
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