उज्जैनPublished: Nov 19, 2022 12:47:34 pm
aashish saxena
त्रिवेणी पुरातत्व संग्रहालय में प्राचीन हथियारों की सात दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन, ५ हजार वर्ष पुरानी कुल्हाड़ी भी मौजूद
उज्जैन.
भारतीय अस्त्र-शस्त्रों का इतिहास न सिर्फ हजारों वर्ष पुराना है बल्कि तत्कालीन उन्नत तकनीक का सबूत भी है। धातुओं के साथ ही कुछ क्षेत्रों में कछुए की पीठ (खोल) की ढाल बनाई जाती थी जो भारी वार को भी आसानी से झेलने की क्षमता रखती है। शस्त्र निर्माण में प्रयुक्त धातु की मजबूती और शुद्धता का विशेष महत्व था। यही कारण है कि महाभारत कालीन, लगभग ५ हजार वर्ष पूर्व के हथियार आज भी उपलब्ध हैं। भारतीय अस्त्र-शस्त्र की यह गौरव गाथा त्रिवेणी संग्रहालय में देखने को मिल रही है।